महाकुम्भ 2025 की भव्यता और दिव्यता देखकर अभिभूत नजर आए बौद्ध संत और संन्यासी
एकता के महाकुम्भ का संकेत दे रहा महाकुम्भ सभी धर्मों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। इसी क्रम में वर्षों बाद पहली बार बौद्ध धर्म से जुड़े साधु और संत भी महाकुम्भ से जुड़ रहे हैं और यहां की भव्यता और दिव्यता देखकर वह सनातन संस्कृति से अभिभूत नजर आ रहे हैं। बौद्ध साधु संतों का कहना है कि वह पहली बार इतना बड़ा समागम देख रहे हैं।

डिजिटल टीम, महाकुम्भ नगर। एकता के महाकुम्भ का संकेत दे रहा महाकुम्भ 2025 सभी धर्मों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। इसी क्रम में वर्षों बाद पहली बार बौद्ध धर्म से जुड़े साधु और संत भी महाकुम्भ से जुड़ रहे हैं और यहां की भव्यता और दिव्यता देखकर वह सनातन संस्कृति और विरासत से अभिभूत नजर आ रहे हैं। बौद्ध साधु संतों का कहना है कि वह महाकुम्भ में पहली बार इतना बड़ा समागम देख रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में वह गंगा, यमुना और सरस्वती की पावन त्रिवेणी में होने वाले समागम का हिस्सा बनते रहेंगे। उन्होंने इस दिव्य और भव्य महाकुम्भ के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा भी की और इसे कभी न भूलने वाला अवसर बताया।
तीर्थराज में सजा सभी धर्मों का बगीचा
बौद्ध संन्यासियों का कहना है कि गंगा जमुना की जो तहजीब भारत में है वो कहीं नहीं है। ऐसा लग रहा है कि तीर्थराज में सभी धर्मों का बगीचा सज गया है, जो समूचे विश्व को सुगंधित कर रहा है। हर कोई भारत में इस सबसे बड़े समागम की ही चर्चा कर रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां सभी जातियों और धर्मों का स्वागत किया है। उत्तर प्रदेश में ऐसी योजनाएं बनाई गई हैं, जो हर धर्म से जुड़े लोगों का एक समान कल्याण कर रही है। योगी जी के नेतृत्व में आज कोई भूखा नहीं मर रहा। कोई बीमार होता है तो उसे आयुष्मान कार्ड का लाभ मिलता है। गरीब चाहे किभी भी धर्म का हो, उसे राशन कार्ड की सुविधा है। यानी हर तरीके से योगी के राज में सुरक्षा है, व्यवस्था है। हमने पहले भी यहां सरकारों को देखा है। पहले जब बाहर निकलते थे तो डर रहता था, लेकिन आज पूरी सुरक्षा है। यही योगी जी का सुशासन है। आज प्रदेश में शांति का शासन है। यही तो बुद्ध चाहते थे।
क्या कहते हैं बौद्ध संत
महाकुम्भ जैसा भव्य आयोजन अब तक कभी इतनी बेहतरीन व्यवस्था के साथ नहीं हुआ है, जैसा कि हमारे यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में हुआ है। यह निःसंदेह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। सीएम योगी ने राष्ट्र और समाज के प्रति अपनी निष्ठा के साथ कार्य किया है। उनका संदेश है कि सभी प्राणी सुखी रहें। किसी भी संप्रदाय, संत या धर्म के आधार पर भेदभाव न हो और हर व्यक्ति के भीतर मानवता बनी रहे। उन्होंने बौद्ध धर्म की शिक्षाओं के समान मानव कल्याण के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। योगी जी के प्रयास अत्यंत सराहनीय हैं। - भिक्षु देवानंद वर्धन, प्रयागराज
आज न केवल भारत बल्कि विश्व के श्रहालु महाकुम्भ के गंगा तट पर उपस्थित हैं। उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सर्व समाज के लोगों को एकत्रित करने का जो कार्य हुआ है, वह अद्भुत है। उन्होंने आपसी भाईचारे और सौहार्द को बढ़ावा दिया है। उनके प्रयासों से दुनिया भर में सुख, समृद्धि और शांति का संदेश पहुंच रहा है। योगी जी का यह कहना कि यदि बुद्ध हैं तो भारत है और यदि भारत है तो बुद्ध हैं, गहरे अर्थ रखता है। मैं गंगा के तट से यही कामना करता हूं कि हर राज्य को योगी आदित्यनाथ जैसा सक्षम और दूरदर्शी मुख्यमंत्री मिले। - भिक्षु आर्य वंश महाथेरो
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संदेश में कहा है कि सभी सनातनी और बौद्ध एक हैं। उन्होंने सामाजिक एकता और सौहार्द को सुदृढ़ करने का महत्वपूर्ण प्रयास किया है। हमें व्यक्तिगत सीमाओं से ऊपर उठकर समाज और देश के व्यापक हित के बारे में सोचना चाहिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कही बातों को न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व के लोगों को बताने की जरूरत है। - भंते अस्वजीत, प्रतापगढ़
महाकुम्भ में आकर हम अत्यंत हर्षित हैं। वर्षों से श्रद्धालुओं के लिए बेहतरीन व्यवस्थाएं मेले में की जा रही हैं। इस बार की व्यवस्था विशेष रूप से उत्कृष्ट है। हमें गर्व है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे संवेदनशील और सक्षम नेता यहां के मुख्यमंत्री हैं। जिन्होंने समाज के कल्याण के लिए इतना उल्लेखनीय कार्य किया है। यहां हर जाति धर्म और पंथ के लोग संगम में आस्था की डुबकी लगाकर एकता और भाईचारे का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। - बौद्ध भिक्षुणी पेमा, सारनाथ
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