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    वैध प्रशिक्षण के बाद भी दोबारा शिक्षकों को ब्रिज कोर्स के निर्देश पर उठे सवाल, आवेदन 25 दिसंबर तक

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Sun, 14 Dec 2025 08:47 PM (IST)

    प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत प्रशिक्षित शिक्षकों को दोबारा ब्रिज कोर्स करने के निर्देश पर सवाल उठ रहे हैं। NIOS द्वारा पहले से प्रशिक्षित शिक्षकों ...और पढ़ें

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    वैध प्रशिक्षण के बाद दोबारा ब्रिज कोर्स क्यों, ऐसा प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों ने सवाल! उठाए हैं। 

    राज्य ब्यूरो, जागरण, प्रयागराज। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) द्वारा संचालित 2017–19 सत्र में छह माह का ब्रिज कोर्स पूरा कर प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों के लिए दोबारा नया ब्रिज कोर्स करने का निर्देश विवाद का कारण बन गया है। निर्देश में पूर्व में प्रशिक्षित शिक्षकों के लिए स्पष्टता नहीं है।

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    रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 25 दिसंबर 2025

    प्रश्न है कि जब नियामक संस्था की अनुमति से किया गया प्रशिक्षण वैध था तो वर्षों बाद पुनः प्रशिक्षण क्यों अनिवार्य किया जा रहा है? वहीं, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) ने छह माह का प्राथमिक शिक्षक शिक्षा (ब्रिज) कोर्स शुरू किया है। रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 25 दिसंबर 2025 तय की गई है। प्रदेश में करीब 35 हजार बीएड शिक्षक हैं, जिन्हें यह कोर्स करना होगा।

    शिक्षक असमंजस और मानसिक दबाव में 

    आनलाइन प्रक्रिया में ‘अप्रशिक्षित शिक्षक’ घोषित करने की बाध्यकारी शर्त से परिषदीय प्राथमिक विद्यालय के 69,000 बीएड योग्यताधारी शिक्षक असमंजस और मानसिक दबाव में हैं। शिक्षकों ने मुख्यमंत्री, बेसिक शिक्षा मंत्री, शिक्षा निदेशक व महानिदेशक स्कूल शिक्षा को पत्र भेजकर ब्रिज कोर्स से छूट और स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। इन शिक्षकों की नियुक्ति एनसीटीई के 28 जून 2018 के नोटिफिकेशन के आधार पर हुई थी।

    शिक्षकों का क्या है तर्क?

    ये सभी शिक्षक सर्वोच्च न्यायालय के 28 नवंबर 2023 के निर्णय से पहले ही प्राथमिक विद्यालयों में सेवायुक्त हो चुके थे। उस समय पीडीपीईटी ब्रिज कोर्स को एनसीटीई की पूर्व स्वीकृति प्राप्त थी और एनआइओएस के माध्यम से इसे एक वैध प्रशिक्षण के रूप में संचालित किया गया था। ब्रिज कोर्स अनिवार्य करने पर शिक्षकों का तर्क है कि जब किसी प्रशिक्षण को स्वयं नियामक संस्था की अनुमति और निगरानी में कराया गया हो तो वर्षों बाद दोबारा प्रशिक्षण क्यों थोपा जा रहा है?

    प्राकृतिक न्याय और समानता के अधिकार के विरुद्ध बताया

    आदेशों में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि पहले से ब्रिज कोर्स कर चुके शिक्षकों के साथ क्या व्यवहार होगा। इसी अस्पष्टता से हजारों शिक्षक असमंजस में हैं। आरोप है कि आनलाइन आवेदन में उनसे जबरन 'आइ एम एन अनट्रेंड टीचर' का स्व-घोषणापत्र लिया जा रहा है। यह अपमानजनक होने के साथा प्राकृतिक न्याय और समानता के अधिकार के भी विरुद्ध है।

    भ्रम में न रखें, स्थिति स्पष्ट करे सरकार

    एनआइओएस की आधिकारिक हेल्पलाइन से बार-बार यह स्पष्ट किया गया है कि 2017–19 का ब्रिज कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों को नया ब्रिज कोर्स करने की आवश्यकता नहीं है। शिक्षकों ने एनआइओएस द्वारा 2017–19 में पूर्ण किया गया ब्रिज कोर्स पूर्णतः वैध और अंतिम घोषित करने की मांग की है। पूर्व-प्रशिक्षित शिक्षकों को 'अप्रशिक्षित' घोषित करने की बाध्यकारी शर्त तत्काल समाप्त की करने की मांग की है।

    नियुक्ति के लिए जारी गाइडलाइंस में शर्त स्पष्ट

    69 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जारी गाइडलाइंस में एक स्पष्ट शर्त शामिल थी। इसमें कहा गया था कि बीएड एवं डीएलएड (विशेष शिक्षा) की योग्यता वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति के बाद प्रारंभिक शिक्षा में एनसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त छह माह का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा करना अनिवार्य होगा। इसके बावजूद विभाग ने इस शर्त का पालन नहीं कराया और बिना प्रशिक्षण पूरा कराए ही शिक्षकों को पूर्ण वेतनमान में नियुक्त कर दिया। करीब चार वर्ष तक शिक्षक नियमित रूप से सेवाएं देते रहे, लेकिन अनिवार्य प्रशिक्षण की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई।

    ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग मोड में होगा ब्रिज कोर्स

    परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत बीएड योग्यताधारी सहायक अध्यापकों के लिए ब्रिज कोर्स करना अब अनिवार्य है। बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में कार्यरत बीएड योग्यताधारी शिक्षकों को समय से पंजीकरण कराने के निर्देश दें। यह ब्रिज कोर्स ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ओडीएल) मोड में कराया जाएगा।

    कोर्स पूरा नहीं तो संबंधित शिक्षक की नियुक्ति अमान्य 

    कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि 11 अगस्त 2023 से पहले नियुक्त बीएड शिक्षक, जिनकी नियुक्ति नियमों के तहत हुई है, उनकी सेवा सुरक्षित रहेगी, लेकिन ब्रिज कोर्स अनिवार्य होगा। तय सीमा में कोर्स पूरा न करने पर संबंधित शिक्षक की नियुक्ति अमान्य मानी जाएगी। रजिस्ट्रेशन के लिए शिक्षक http://bridge.nios.ac.in वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। किसी भी तकनीकी समस्या की स्थिति में bridgesupport@nios.ac.in पर ईमेल के जरिये सहायता ली जा सकती है। एनआइओएस की ओर से ब्रिज कोर्स के लिए पंजीकरण शुल्क एक हजार रुपये और परीक्षा शुल्क 24 हजार रुपये तय किया गया है।

    आनलाइन माध्यम से कराया जाएगा कोर्स

    यह ब्रिज कोर्स आनलाइन माध्यम से कराया जाएगा। इसमें बाल विकास एवं शैक्षिक मनोविज्ञान, पाठ्यक्रम, शिक्षाशास्त्र एवं आकलन, भाषा शिक्षण, गणित की शिक्षाशास्त्र, हमारे आसपास की दुनिया की शिक्षाशास्त्र और स्कूलों का अनुभव जैसे विषय शामिल हैं। कुल 20 क्रेडिट का यह कोर्स पूरा करना अनिवार्य होगा। वहीं, कुछ शिक्षक संगठनों का कहना है कि पहले ब्रिज कोर्स के लिए शिक्षकों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता था, लेकिन अब पंजीकरण और परीक्षा शुल्क तय किए जाने से शिक्षकों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।