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    Basic Teachers Transfer उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षकों के स्थानांतरण में भारांक बना विवाद का कारण, वरिष्ठता पर उठे सवाल

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Tue, 18 Nov 2025 08:26 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षकों के स्थानांतरण में भारांक को लेकर विवाद है। कुछ शिक्षकों को 41 तक भारांक मिल रहा है, जबकि अन्य को केवल 1 अंक, जिससे स्थानांतरण में असमानता हो रही है। शिक्षक संघों ने बेसिक शिक्षा मंत्री से वरिष्ठता के आधार पर स्थानांतरण करने की मांग की है। उनका कहना है कि भारांक के कारण कम सेवा वाले शिक्षकों का स्थानांतरण हो रहा है, जबकि वरिष्ठ शिक्षक वंचित रह जा रहे हैं।

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    बेसिक के किसी शिक्षक का भारांक 41 तो किसी का एक अंक होने से संकट, शिक्षक नेताओं ने सवाल उठाए हैं। 

    राज्य ब्यूरो, जागरण, प्रयागराज। वर्तमान स्थानांतरण नीति से बेसिक शिक्षा परिषद के महिला/पुरुष शिक्षकों को कार्यालयों के बिना चक्कर लगाए अंतरजनपदीय स्थानांतरण मिल रहे है, लेकिन नीति में कुछ कमियों के कारण लखीमपुर जैसे जनपदों में अभी तक भारांक (वेटेज अंक) विहीन अध्यापकों के स्थानांतरण नहीं हो पा रहे हैं।

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    अभी स्थिति यह है कि एक ही अध्यापक को जहां भारांक का दोहरा-तिहरा लाभ मिलने के साथ 41 तक अंक मिल जाता है, वहीं दूसरी ओर भारांक विहीन शिक्षकों को एक वर्ष की सेवा के लिए एक ही अंक मिलता है। इस तरह एक अंक वालों का स्थानांतरण नहीं हो पाता। ऐसे में बेसिक शिक्षा मंत्री को नीति की कमियां बताने के साथ मांग की गई है कि वरिष्ठता के आधार पर अंतरजनपदीय स्थानांतरण किया जाए।

    उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष एवं अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय सह संयोजक अनिल यादव ने मंत्री को भेजे पत्र में बताया है कि भारांक के कारण दो वर्ष की सेवा देने वाले अध्यापकों का स्थानांतरण हो जाता है, जबकि 10 या इससे अधिक वर्ष से सेवा दे रहे अध्यापकों का स्थानांतरण नहीं हो पाता है।

    नियमानुसार भारांक विहीन अध्यापक को एक वर्ष की सेवा के लिए एक अंक मिलता है, वहीं इनके सापेक्ष महिला अध्यापकों को एक वर्ष की सेवा के लिए 11 अंक मिलता है और अन्य भारांक होने पर इससे अधिक अंक भी हो सकता है। वर्तमान नीति में भारांक विहीन अध्यापक को अधिकतम 15 अंक मिल सकता हैं, जबकि कई जिलों में मेरिट 20 अंक या इससे अधिक जाती है।

    इस तरह लखीमपुर जैसे जिले में नियुक्त अध्यापकों का स्थानांतरण नहीं हो पा रहा है। किसी को सेवा के एक वर्ष का एक अंक+महिला होने का 10 अंक+पति-पत्नी के सरकारी सेवा में होने का 10 अंक+बीमारी का 20 अंक=41 अंक के सापेक्ष भारांक विहीन शिक्षकों को सेवा के एक वर्ष का एक अंक ही मिलना अन्याय पूर्ण है। इसे ध्यान में रखकर स्थानांतरण कोटा बढ़ाने, सभी जिलों में रिक्तियां घोषित किए जाने की मांग की गई है।

    यह भी बताया है शिक्षक उम्र के ऐसे पड़ाव पर हैं कि माता-पिता वृद्ध हो गए हैं और वह उनकी देख-रेख नहीं कर पा रहे हैं। इन परिस्थितियों पर विचार करते हुए वरिष्ठता आधारित भर्ती बैच के अनुसार स्थानांतरण की मांग की गई है।