दुष्कर्म के आरोपी की जमानत मंजूर, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा- जीजा-साली के बीच संबंध अनैतिक, लेकिन…
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि जीजा और साली के बीच संबंध अनैतिक हो सकते हैं लेकिन अगर दोनों के बीच प्रेम संबंध हैं और पीड़िता बालिग है तो इसे दुष्कर्म नहीं माना जा सकता है। कोर्ट ने आरोपी जीजा की जमानत मंजूर कर ली है क्योंकि उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वह जुलाई 2024 में गिरफ्तार किया गया था।
विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि जीजा और साली के बीच संबंध अनैतिक हो सकता है किन्तु दोनों में प्रेम संबंध व पीड़िता के बालिग होने के कारण इसे दुष्कर्म नहीं कहा जा सकता।
कोर्ट ने कहा पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान में जीजा पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है और पुलिस को दिए बयान में प्रेम संबंधों का खुलासा किया है। संबंध मर्जी से बने हैं,जिसके कारण दुष्कर्म का आरोप नहीं बनता।
न्यायमूर्ति समीर जैन ने आईपीसी की धारा 366, 376 और 506 के तहत आरोपी जीजा रमेश यादव की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। कोर्ट ने आरोपी की जमानत मंजूर कर ली है।
पीड़िता बालिग है और उसने शुरू में धारा 161 सीआरपीसी के तहत दर्ज अपने बयान में आरोपों से इनकार किया था। हालांकि, बाद में उसने अभियोजन पक्ष के मामले से तालमेल बिठाते हुए धारा 164 सीआरपीसी के अपने बयान में अपना रुख बदल दिया और दुष्कर्म का आरोप लगाया।
कोर्ट ने कहा कि भले ही ऐसे रिश्ते को अनैतिक माना गया हो, लेकिन यह दुष्कर्म का अपराध नहीं है, क्योंकि कथित पीड़िता बालिग है और उसके प्रेम संबंध रहे हैं। कोर्ट ने कहा याची को जुलाई 2024 में गिरफ्तार किया गया था और उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है।
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