69000 शिक्षक भर्ती में याची लाभ देकर याचियों ने मांगी नियुक्ति, महानिदेशक स्कूल शिक्षा, निदेशक को आरक्षण पीड़ितों ने भेजा पत्र
प्रयागराज से 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में आरक्षण विसंगति के शिकार अभ्यर्थी 2020 से न्याय की मांग कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं को याची लाभ देने की मांग की थी। अब शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर 21 जुलाई को होने वाली सुनवाई में सरकार से याची लाभ का प्रस्ताव पेश करने का सुझाव दिया है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, प्रयागराज। बेसिक शिक्षा की 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के आरक्षण में विसंगति का आरोप लगाकर आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी वर्ष 2020 से न्याय मांग रहे हैं। इन अभ्यर्थियों ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर इस भर्ती में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाए अभ्यर्थियों को याची लाभ दिए जाने की मांग करने के बाद अब शनिवार को महानिदेशक स्कूल शिक्षा, बेसिक शिक्षा निदेशक एवं सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को पत्र भेजकर यही मांग की है।
सुझाव भी दिया है कि सुप्रीम कोर्ट में 21 जुलाई को होने वाली सुनवाई में याची लाभ का प्रस्ताव सरकार की ओर से पेशकर इस मामले का निस्तारण किया जा सकता है। पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेश चौधरी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) अब राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान के माध्यम से इस भर्ती में चयनित बीएड शिक्षकों को छह महीने का ब्रिज कोर्स कराने की तैयारी में है।
एनआइओएस ने भी स्पष्ट किया है कि जुलाई तथा अगस्त माह से ब्रिज कोर्स का पंजीकरण शुरू करेगा। ऐसी स्थिति में यदि आरक्षण विसंगति का मामला याची लाभ देकर निस्तारित नहीं किया गया तो आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी ब्रिज कोर्स के मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे, क्योंकि इस भर्ती की पूरी सूची हाई कोर्ट की लखनऊ डबल बेंच 13 अगस्त, 2024 को रद कर चुकी है।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्थगन आदेश जारी किया है। अब यदि सरकार याची लाभ देकर मामले को निस्तारित कर देती है और उसके बाद ब्रिज कोर्स कराया जाता है तो अभ्यर्थियों को आपत्ति नहीं होगी।
उन्होंने इस भर्ती में बीएड चयनित शिक्षकों को छह महीने का ब्रिज कोर्स कराने से पहले सुप्रीम कोर्ट में 21 जुलाई की सुनवाई में याची लाभ का प्रस्ताव पेश कर न्याय दिलाने की मांग सरकार से की है।

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