गाय-भैंस की तरह अब बकरियों का भी होगा कृत्रिम गर्भाधान, अस्पतालों में बनाए गए सेंटर
यूपी में अब गाय-भैंस की तरह बकरियों का भी कृत्रिम गर्भाधान किया जाएगा। इसके लिए सरकारी अस्पतालों में विशेष केंद्र स्थापित किए गए हैं। पशुपालन विभाग का लक्ष्य बकरी पालन को प्रोत्साहित करना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। बकरियों में भी कई उन्नत प्रजातियां होती हैं। इन्हें पालना फायदेमंद रहता है। हालांकि, पशुपालक अभी इनसे दूरी बनाए हैं। इसी दूरी को मिटाने के लिए शासन ने गाय-भैंस की तरह बकरियों के कृत्रिम गर्भाधान की व्यवस्था शुरू कर दी है। जिले के 14 राजकीय पशु चिकित्सालयों को इसका केंद्र बनाया गया है। यहां उन्नत नस्ल वाले बकरों के सीमन से बकरियों का कृत्रिम गर्भाधान कराया जाएगा।
लगातार चल रहे प्रयास
बकरियों की नस्ल सुधार को लेकर लगातार प्रयास चल रहे हैं। पहले पशुपालन विभाग किसानों व पशुपालकों को बकरी की बरबरी, जमुनापारी, बीट और ब्लैक बंगाल जैसी उन्नत नस्लों के नर बच्चे उपलब्ध कराता था। अब कृत्रिम गर्भाधान की व्यवस्था शुरू की गई है।
शंकरगढ़, प्रतापपुर, हंडिया, कोरांव, जसरा, सोरांव, लालगोपालगंज, कौधियारा, मांडा, करछना, उरुवा, मेजा, भगवतपुर और बहरिया के राजकीय पशु चिकित्सालयों में इसके लिए कृत्रिम गर्भाधान केंद्र खोले गए हैं। इनमें तैनात पांच पशु चिकित्सकों, पांच पशुधन प्रसार अधिकारियों व चार पशु मित्रों को इसके लिए प्रशिक्षित किया गया है। फिलहाल, हर केंद्र को 30-30 सीमन उपलब्ध कराए गए हैं। इन केंद्रों में पशुपालकों को बकरियों के कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा निशुल्क मिलेगी। बकरियों के नस्ल सुधार से किसानों व पशुपालकों को काफी फायदा होगा।
क्या होती है इन बकरियों की खूबियां
गंगापार व यमुनापार में लगभग 70 हजार किसानों व पशुपालकों ने करीब 3.84 लाख बकरियां पाल रखी हैं। इनमें ज्यादातर संकर या अन्य सामान्य नस्ल की बकरियां हैं। उन्नत नस्ल की बकरियां प्रतिदिन दो से तीन लीटर तक दूध देती हैं। यह लगभग एक साल के अंदर तैयार हो जाती हैं। इनका भार लगभग 30 से 50 किलोग्राम होता है। जबकि, दूसरी नस्ल की बकरियां इन मामलों में काफी पीछे रहती हैं।
बकरियों की नस्ल में सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधान की व्यवस्था शुरू की गई है। यह सुविधा पूरी तरह से निशुल्क दी जाएगी। किसान व पशुपालक इस सुविधा का लाभ उठाएं। -डॉ. शिवनाथ यादव,मुख्य पशु चिकित्साधिकारी

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।