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    ACR में अच्छी रिपोर्ट के लिए 22 पशु चिकित्सकों से की वसूली, बुरे फंसे पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक 

    Updated: Tue, 14 Oct 2025 08:12 AM (IST)

    वाराणसी में तैनात पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. कृष्ण पाल सिंह पर प्रयागराज में तैनाती के दौरान अवैध वसूली का आरोप है। उन पर एसीआर में अच्छी रिपोर्ट के लिए पशु चिकित्सकों से पैसे मांगने का आरोप है। जांच में 22 डॉक्टरों ने पैसे मांगने की बात कही, जिसके बाद 11 की रिपोर्ट में प्रतिकूल प्रविष्टि की गई। सांसद और विधायकों ने भी इस मामले की शिकायत की थी, जिसके बाद जांच रिपोर्ट शासन को भेजी गई है।  

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    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। वाराणसी में पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक गायनेकोलाजी के पद पर तैनात डा. कृष्ण पाल सिंह पर अवैध वसूली का आरोप लगा है। मामला तब का है जब वह प्रयागराज में बतौर अपर निदेशक ग्रेड-2 के पद पर तैनात थे। उनके ऊपर मातहतों की वार्षिक चरित्र प्रविष्टि (एसीआर) भरने के नाम पर पशु चिकित्सकों से रुपये मांगने का आरोप है।

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    हर साल अधिकारियों-कर्मचारियों की एसीआर भरी जाती है। पशुपालन विभाग में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के साथ अपर निदेशक (एडी) भी एसीआर में रिपोर्ट लगाते हैं। आरोप है कि तत्कालीन एडी डा. कृष्ण पाल सिंह के खिलाफ डाक्टरों ने एसीआर में अच्छी रिपोर्ट लगवाने के नाम पर वसूली का आरोप लगाया था।

    बीते अगस्त में सांसद प्रवीण पटेल समेत कुछ विधायकों ने मामले की शिकायत शासन से की थी। इसके बाद प्रमुख सचिव पशुधन के निर्देश पर विभाग के निदेशक प्रशासन एवं विकास ने मुख्यालय में तैनात अपर निदेशक संगीता तिवारी से जांच कराई। जांच अधिकारी ने 25 सितंबर को प्रयागराज आकर 37 पशु चिकित्साधिकारियों के बयान लिए।

    इसमें से 22 पशु चिकित्सकों ने एसीआर भरने के लिए तत्कालीन एडी पर पैसा मांगने की बात कही। पैसा न मिलने पर एडी ने 11 पशु चिकित्साधिकारियों की रिपोर्ट में प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज कर दी है। जांच रिपोर्ट के अनुसार पशु चिकित्सक डा. संजीव कुमार सिंह से तत्कालीन एडी डा. केपी सिंह ने 50 हजार रुपये मांगे थे।

    पैसा न मिलने पर एसीआर में प्रतिकूल अंश दर्ज कर दिया। डा. उमेश कुमार पटेरिया के खिलाफ भी प्रतिकूल प्रविष्टि दी थी। उधर, जांच अधिकारी का कहना है कि मामले की जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। इसे आइजीआरएस पर अपलोड कर दिया है।

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    पशु चिकित्सकों के आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। डाक्टर पैसा मांगने का सिर्फ आरोप लगा रहे हैं। कोई प्रमाण नहीं दिखा रहे। प्रयागराज मंडल में चार जिले हैं। दूसरे जनपदों के भी सैकड़ों कर्मचारियों की एसीआर भरी है। वहां से पैसा मांगने की शिकायत क्यों नहीं आयी?
    डा. कृष्ण पाल सिंह, संयुक्त निदेशक, गायनेकोलाजी, वाराणसी