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    अमेरिका के व्यासानंद गिरि बने निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर, विदेश में है विशाल आश्रम; महाकुंभ में लगाएंगे डुबकी

    Updated: Mon, 13 Jan 2025 08:58 AM (IST)

    अमेरिका में योग ध्यान और संस्कृत के प्रचारक व्यासानंद गिरि को श्रीनिरंजनी अखाड़े ने महामंडलेश्वर की उपाधि से सम्मानित किया। महाकुंभ में आयोजित भव्य समारोह में उनका पट्टाभिषेक किया गया। व्यासानंद गिरि ने 15 साल की उम्र से ही आदि शंकराचार्य के सिद्धांतों का पालन शुरू कर दिया था। बाद में महर्षि महेश योगी के सानिध्य में आने के बाद उन्होंने घर-परिवार से विरक्त होकर संन्यास ले लिया।

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    अमेरिका के व्यासानंद गिरि बने निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर

    जागरण संवाददाता, महाकुंभनगर। अमेरिका में योग, ध्यान व संस्कृत भाषा का प्रचार-प्रसार करने वाले 76 वर्षीय व्यासानंद गिरि को श्रीनिरंजनी अखाड़ा ने महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान की है। अखाड़े के शिविर में रविवार को भव्य समारोह में मंत्रोच्चार के बीच उनका पट्टाभिषेक किया गया।

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    अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि, आनंद अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष व निरंजनी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरी सहित समस्त संतों ने उन्हें भगवा चादर ओढ़ाकर माला पहनाई, साथ ही पुष्पवर्षा करके स्वागत किया।

    खुद को घर परिवार से किया अलग

    अमेरिका के एयरफोर्स में डिप्टी डायरेक्टर ऑपरेशंस रहे थामस मैरिट नाल्स के पुत्र व्यासानंद 15 वर्ष की अवस्था से आदिशंकराचार्य के सिद्धांतों का अमल करने लगे। महर्षि महेश योगी के सानिध्य में आने के बाद स्वयं को घर-परिवार से विरक्त कर लिया।

    वर्ष 2013 के प्रयागराज महाकुंभ में स्वामी कैलाशानंद से संन्यास की दीक्षा ली। मौजूदा समय अमेरिका के एरीजोना में इनका विशाल आश्रम है। वहां से योग, ध्यान का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं, उनके कार्य को देखते हुए अखाड़े ने महामंडलेश्वर बनाया है।

    श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने कहा कि निरंजनी अखाड़ा का लक्ष्य देश-विदेश में सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करना है। यह कार्य व्यासानंद गिरि के संयोजन में तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। स्वामी कैलाशानंद ने कहा कि व्यासानंद तपस्वी संत हैं। इनकी साधना व धर्म के प्रति समर्पण अद्वितीय है। इनके महामंडलेश्वर बनने से विदेश में सनातन धर्म का गौरव बढ़ेगा।

    महाकुंभ मेले की खास बातें

    • 07 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं महाकुंभ मेला क्षेत्र में
    • 26 हजार करोड़ जिले व शहर में सड़कों, पुलों, बिजली-पानी पर खर्च
    • 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है 2025 के महाकुंभ में
    • 04 हजार हेक्टेयर करीब क्षेत्रफल में बसाया गया है महाकुंभ मेला
    • 25 सेक्टर में है पूरा मेला क्षेत्र, 30 पांटून पुलों का हुआ है निर्माण
    • 08 हजार बसें और तीन हजार विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी इस बार
    • 01 लाख जवान पुलिस, पीएसी व पैरामिलिट्री के तैनात हैं सुरक्षा में
    • 20 अस्थायी थाने, 68 पुलिस चौकी, 82 अग्निशमन केंद्र भी बने हैं
    • 07 लाख वाहनों की क्षमता वाले 112 पार्किंग स्थल हो गए हैं तैयार
    • 2750 सीसीटीवी कैमरे से महाकुंभ मेला की निगरानी, दो कमांड सेंटर
    • 16 सौ किमी दौड़ाई जा चुकी बिजली की लाइन, 120 अस्थायी विद्युत उपकेंद्र

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