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    Aloke Rastogi Death : रंगमंच और नौटंकी में पारंगत आलोक रस्तोगी का निधन, अंतिम संस्कार कल दारागंज घाट पर होगा

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 01:35 PM (IST)

    Aloke Rastogi Death प्रसिद्ध रंगमंच और नौटंकी कलाकार आलोक रस्तोगी का 76 वर्ष की आयु में प्रयागराज में निधन हो गया। वे विनोद रस्तोगी स्मृति संस्थान के संस्थापक थे। 100 से अधिक नाटकों में अभिनय किया था। आलोक रस्तोगी ने नौटंकी को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका निधन रंगमंच जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

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    Aloke Rastogi Death वरिष्ठ रंगकर्मी आलोक रस्तोगी का प्रयागराज में 76 वर्ष की आयु में निधन हो गया। जागरण

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Aloke Rastogi Death रंगमंच और नौटंकी के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले, आलोक रस्तोगी का 76 वर्ष की अवस्था में गुरुवार सुबह दारागंज स्थित आवास पर निधन हो गया। करीब 6.30 बजे उनकी हृदय की धड़कन रुक गई।

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    आलोक रस्तोगी विनोद रस्तोगी स्मृति संस्थान के संस्थापक थे। इस संबंध में रस्तोगी स्मृति संस्थान के अध्यक्ष अभिलाष नारायण ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को दारागंज घाट पर किया जाएगा। उनके निधन से प्रयागराज के रंगकर्मियों, साहित्यकारों में शोक की लहर है।

    प्रसिद्ध नाटककार विनोद रस्तोगी के पुत्र थे 

    छह जून 1949 को प्रयागराज (पूर्ववर्ती इलाहाबाद) में जन्मे आलोक रस्तोगी, प्रसिद्ध नाटककार विनोद रस्तोगी के पुत्र थे। साहित्यिक वातावरण में पले-बढ़े आलोक रस्तोगी ने रंगमंच की बारीकियां अपने पिता से ही सीखीं। बचपन से उन्होंने कहानियां और कविताएं लिखनी शुरू कर दीं, जो विभिन्न अखबारों और पत्रिकाओं में प्रकाशित हुईं।

    पांच दशकों तक रंगमंच में दिया योगदार 

    रंगमंच के क्षेत्र में उनका योगदान लगभग पांच दशकों तक रहा। वर्ष 2003 में विनोद रस्तोगी स्मृति संस्थान की स्थापना की। पिछले 22 वर्षों में उन्होंने कई प्रसिद्ध निर्देशकों के साथ सक्रिय रूप से कार्य किया, नाटकों और नौटंकियों का निर्देशन किया, जिनका मंचन देशभर में हुआ और दूरदर्शन पर भी सजीव प्रसारण किया गया। 100 से अधिक नाटकों में उन्होंने अभिनय व सहभागिता की।

    नौटंकी को पुनर्जीवित करने के लिए नवीन प्रयोग किए

    Aloke Rastogi Death आलोक रस्तोगी की कला-यात्रा प्रयागराज से निकल कर कोलकाता, दिल्ली, भोपाल, मुंबई, चंडीगढ़, जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, शिमला, पटना, लखनऊ और देश के कई अन्य शहरों तक पहुँची। आलोक ने नौटंकी को पुनर्जीवित करने और इसे नए दर्शक वर्ग तक पहुंचाने के लिए कई नवीन प्रयोग किए।

    लोकनाट्य विधा को जीवंत बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई

    वर्ष 2018 से 2020 तक वे भारतेंदु नाट्य अकादमी, लखनऊ (उत्तर प्रदेश सरकार) की परामर्श समिति के सदस्य रहे। उनके मार्गदर्शन में विनोद रस्तोगी स्मृति संस्थान ने पारंपरिक और आधुनिक, दोनों तरह की नौटंकियों का मंचन किया और इस लोकनाट्य विधा को जीवंत बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई।

    आलोक रस्तोगी के पुत्र अतिन रस्तोगी वर्तमान में दुबई में सेवारत हैं।

    रंगमंच जगत की अपूर्ण क्षति

    Aloke Rastogi Death प्रयागराज के नौटंकी विधा से जड़े लोगों ने आलोक रस्तोगी के निधन को रंगमंच जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया। कहा कि वे अपनी कलात्मक दृष्टि, समर्पण और विनम्र व्यक्तित्व के लिए सदैव याद किए जाएंगे।