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    छात्रावासों में रैगिंग रोकने में  Allahabad University के मददगार बनेंगे जूनियर छात्र, सूचना पर छापेमारी की होगी कार्रवाई

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Sat, 18 Oct 2025 06:27 PM (IST)

    इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने छात्रावासों में रैगिंग रोकने के लिए जूनियर छात्रों की एक विशेष टीम बनाई है। यह टीम रैगिंग पर नजर रखेगी और सूचना देगी, जिसके आधार पर प्राक्टोरियल बोर्ड छापेमारी करेगा। पहले भी रैगिंग के मामलों में 34 छात्र निलंबित किए गए थे। विश्वविद्यालय का उद्देश्य दंडात्मक कार्रवाई के साथ निवारक दृष्टिकोण अपनाना है।

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    इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन रैगिंग रोकने के लिए जूनियर छात्रों की मदद लेगा। 

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रावासों में रैगिंग की घटनाओं पर लगाम कसने के लिए अब एक नई पहल शुरू की है। विश्वविद्यालय के प्राक्टर कार्यालय ने जूनियर छात्रों की एक विशेष टीम गठित की है, जो रैगिंग पर नजर रखेगी और जरूरत पड़ने पर प्राक्टोरियल बोर्ड को तुरंत सूचना देगी। इस टीम के सुझाव और इनपुट के आधार पर प्राक्टोरियल बोर्ड की टीमें छात्रावासों में अचानक छापेमारी करेंगी।

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    ...और रंगे हाथ पकड़े जाएंगे

    छात्रावासों में रहने वाले जूनियर छात्र ही वास्तविक स्थिति को सबसे करीब से समझ सकते हैं। ऐसे में उनकी मदद से रैगिंग जैसी घटनाओं की समय रहते जानकारी मिल सकेगी और त्वरित कार्रवाई कर रंगे हाथ पकड़ा जा सकेगा। छापेमारी के दौरान पूरे घटनाक्रम का वीडियो रिकार्ड किया जाएगा, जिससे किसी भी घटना की जांच में साक्ष्य के रूप में उसका उपयोग किया जा सकेगा। कुलानुशासक के अनुसार यह कदम पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों सुनिश्चित करेगा।

    रैगिंग की दो घटनाओं में 34 छात्र हुए थे निलंबित

    हाल ही में रैगिंग के मामलों में विश्वविद्यालय प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की थी। सितंबर तीसरे सप्ताह और अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में रैगिंग की दो घटनाओं में लिप्त पाए गए कुल 34 छात्रों को निलंबित किया गया था। इन कार्रवाइयों के बाद छात्रावासों में रैगिंग की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी देखी गई है।

    जूनियर छात्रों से फीडबैक लिया जाएगा

    कुलानुशासक प्रो. राकेश सिंह के अनुसार अब अधिकांश छात्र अनुशासन का पालन कर रहे हैं और आपसी सहयोग का वातावरण बनने लगा है। विश्वविद्यालय प्रशासन का उद्देश्य केवल दंडात्मक नहीं, बल्कि निवारक और सुधारात्मक दृष्टिकोण अपनाना है। प्राक्टोरियल टीम नियमित रूप से छात्रावासों का दौरा करेगी और जूनियर छात्रों से फीडबैक लेगी। इससे पहले पीसीबी छात्रावास में 18 और एसएसएल के 16 सीनियर छात्र रैगिंग के आरोप में निलंबित किए जा चुके हैं।

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