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    Allahabad University में एमए के बाद छात्रा ने लिया बीए में प्रवेश, नोटिस देकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने मांगा स्पष्टीकरण

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Tue, 16 Dec 2025 08:06 PM (IST)

    इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एक छात्रा द्वारा एमए के बाद बीए में दाखिला लेने का मामला सामने आया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रा को नोटिस जारी कर स्प ...और पढ़ें

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    इलाहाबाद विश्वविद्यालय में परास्नानत उत्तीर्ण करने के बाद स्नातक में दाखिला लेने वाली छात्रा को नोटिस जारी किया है। 

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। डिग्रियों की सीढ़ियां आमतौर पर नीचे से ऊपर चढ़ी जाती हैं लेकिन इलाहाबाद विश्वविद्यालय में सामने आए एक मामले ने इस क्रम को उलट दिया है। यहां परास्नातक की डिग्री हासिल कर चुकी एक छात्रा के दोबारा स्नातक प्रथम वर्ष में दाखिला लेने का मामला सामने आया है। इस मामले में तथ्यों को छिपाने, दस्तावेजों के कथित दुरुपयोग का आरोप है।

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    अनुशासनहीनता के आरोप में यह छात्रा थी शामिल 

    प्रारंभिक जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि होने के बाद इवि प्रशासन ने छात्रा को नोटिस जारी कर 22 दिसंबर तक स्पष्टीकरण मांगा है साथ ही उसका प्रवेश रद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पिछले महीने अनुशासहीनता के आरोप निलंबित तीन छात्रों में यह छात्रा भी शामिल थी। आंदोलन के बाद उसका निलंबन वापस हुआ था।

    विश्वविद्यालय से परास्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की 

    इवि की ओर से जारी नोटिस के अनुसार सौम्या कोटार्या ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में बीए प्रथम वर्ष (2025–26) में हिंदी, मध्यकालीन इतिहास और शिक्षा शास्त्र विषयों के साथ प्रवेश लिया है। हालांकि रिकार्ड बताते हैं कि छात्रा 2018–2021 के दौरान इवि के घटक जगत तारन गर्ल्स डिग्री कालेज से स्नातक की उपाधि पा चुकी है। फिर वर्ष 2021–2023 में उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में परास्नातक (एमए) की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बावजूद छात्रा ने पुन: बीए में दाखिला ले लिया।

    जांच में यह तथ्य आए सामने 

    जांच में तथ्य यह सामने आया है कि छात्रा ने प्रवेश के लिए मोतीलाल नेहरू इंटर कालेज के स्थानांतरण प्रमाणपत्र (टीसी) की द्वितीय प्रति का उपयोग किया। जबकि उसी विद्यालय से प्राप्त मूल टीसी के आधार पर वह वर्ष 2018 में स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश ले चुकी थी।

    सभी छात्रों के अभिलेख की हो रही जांच 

    जांच समिति के समन्वयक डा. अतुल नारायण सिंह के अनुसार टीसी की द्वितीय प्रति का इस्तेमाल कर पूर्व शैक्षणिक तथ्य छुपाना और पुनः प्रवेश लेना सुनियोजित फर्जीवाड़ा है। यह कृत्य विश्वविद्यालय अध्यादेश की अनुसूची (छात्रों के लिए आचार संहिता), सामान्य प्रवेश नियमावली के नियम 5(11) तथा विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए अनुशासन और उचित आचरण नियम, 2023 के नियम चार का उल्लंघन है। इसके अलावा समस्त प्रवेश लेने वाले छात्रों के अभिलेखों की नए सिरे से जांच की जा रही है।

    छात्रा ने क्या दी दलील?

    छात्रा सौम्या कोटार्या का कहना है कि मै जब एडमिशन लेने गई थी तो मुझसे पूछताछ हुई थी। फिर मुझे प्रवेश दिया गया। यूजीसी में कोई प्रविधान नहीं है कि दोबारा स्नातक नहीं किया जा सकता है। आंदोलन में शामिल होने की वजह से मुझे टारगेट किया जा रहा है। 

    विश्वविद्यालय की जनसंपर्क अधिकारी बोलीं 

    इलाहाबाद विश्वविद्यालय की जनसंपर्क अधिकारी प्रो. जया कपूर का कहना है कि छात्रा सौम्या कोटार्या को विश्वविद्यालय के प्रवेश नियमों के उल्लंघन, अभिलेखों और दस्तावेजों से छेड़छाड़ के संदर्भ में नोटिस जारी किया गया है। उनसे लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है। उत्तर प्राप्त होने के उपरांत आगे कार्रवाई की जाएगी।