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    वृंदावन में 50 पौराणिक मंदिरों के ध्वस्तीकरण के खिलाफ हाई कोर्ट में सुनवाई स्थगित, यूपी सरकार से मांगा गया जवाब

    Updated: Mon, 02 Jun 2025 08:27 PM (IST)

    इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वृंदावन में ठाकुर श्रीबांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के लिए प्रस्तावित ध्वस्तीकरण पर यूपी सरकार से जवाब माँगा है। याचिका में रासलीला स्थल कुंज गली और कई पुराने मंदिरों को तोड़ने का विरोध किया गया है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इससे धार्मिक स्थलों और पूजा स्थलों को नुकसान होगा। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 3 जुलाई को तय की है।

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    वृंदावन में 50 पौराणिक मंदिरों के ध्वस्तीकरण के खिलाफ हाई कोर्ट में सुनवाई स्थगित

    विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वृंदावन में प्रस्तावित ठाकुर श्रीबांके बिहारी जी महाराज मंदिर कॉरिडोर के कारण भगवान श्रीकृष्ण की रासलीला स्थल कुंज गली, पुरातात्विक धरोहर ठाकुर श्रीराधा गोपाल जी महाराज, राधा मोहन मंदिर व ठाकुर श्रीधन बिहारी जी मंदिर के ध्वस्तीकरण के खिलाफ दाखिल याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है।

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    याचिका की अगली सुनवाई तीन जुलाई को होगी। कोर्ट ने कहा कि इसी मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है, इसलिए इस केस की सुनवाई स्थगित कर रहे हैं। तब तक राज्य सरकार अपना जवाब दाखिल करें। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति मदन पाल सिंह की खंडपीठ ने पंकज सारस्वत की याचिका पर दिया है।

    याचिका में कुंज गली सहित लगभग 50 पौराणिक मंदिरों, हरिदास संप्रदाय के पूजा स्थल ध्वस्त न करने की मांग की गई है। याची का कहना है कि ऐसा करने से न केवल प्लेसेस आफ वर्शिप एक्ट-1991, अपितु अनुच्छेद 25, 26 व 49 का उल्लंघन किया जा रहा है।

    यह भी कहा गया है कि बलपूर्वक नहीं, बल्कि सहमति से नए अधिग्रहण कानून के तहत अधिग्रहण किया जाए। मुख्य स्थायी अधिवक्ता कुणाल रवि ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कोरिडोर योजना की अनुमति दे दी है। ठाकुर श्रीबांके बिहारी मंदिर के फंड का इस्तेमाल अधिग्रहण के लिए करने की अनुमति दे दी है।

    सरकार मंदिर के चारों ओर पांच एकड़ में पार्किंग व्यवस्था, शौचालय, विश्राम घर जैसी सुविधाएं देना चाहती है। जो आधार इस याचिका में लिए गए हैं, उन्हीं आधारों पर देवेंद्रनाथ गोस्वामी व रसिकराज गोस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट के 15 मई, 2025 के आदेश को संशोधित करने की अर्जी दी है। इसमें कहा गया है कि योजना लागू की गई तो धार्मिक स्थल की अपूरणीय क्षति होगी। वृंदावन का धार्मिक स्वरूप बदल जाएगा।