Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UP News: प्रयागराज मेडिकल की स्थिति पर हाईकोर्ट नाराज, कहा- नेहरू अस्पताल माफिया की गिरफ्त में

    Updated: Sat, 24 May 2025 01:16 AM (IST)

    इलाहाबाद हाई कोर्ट ने स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल प्रयागराज की बदहाली पर तीखी टिप्पणी की है। कहा है कि प्रयागराज मेडिकल माफिया की गिरफ्त में है। यहां इलाज नहीं हो रहा। गरीब असहाय मरीज दलालों के चंगुल में हैं। दलाल सरकारी अस्पताल से मरीजों को निजी अस्पतालों में ले जाकर इलाज करा रहे हैं। कोर्ट ने कहा निजी मेडिकल माफिया से सरकारी अस्पतालों को खतरा है।

    Hero Image
    इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रयागराज मेडिकल की बदहाली पर तीखी टिप्पणी की (सांकेतिक तस्वीर)

     विधि संवाददाता, जागरण, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल प्रयागराज की बदहाली पर तीखी टिप्पणी की है। कहा है कि प्रयागराज, मेडिकल माफिया की गिरफ्त में है। यहां इलाज नहीं हो रहा। गरीब असहाय मरीज दलालों के चंगुल में हैं। दलाल सरकारी अस्पताल से मरीजों को निजी अस्पतालों में ले जाकर इलाज करा रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    निजी मेडिकल माफिया से सरकारी अस्पतालों को खतरा

    कोर्ट ने कहा, निजी मेडिकल माफिया से सरकारी अस्पतालों को खतरा है। इस पर तुरंत नकेल लगनी चाहिए। शुक्रवार दोपहर भोजनावकाश बाद सुनवाई में न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ ने यहां तक तल्ख टिप्पणी तक कर दी कि स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल, अस्पताल नहीं शव विच्छेदन गृह बन गया है।

    कोर्ट ने प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य से न्यायमित्र की अंतरिम रिपोर्ट का जवाब मांगा है। कहा है कि लापरवाह के खिलाफ ऐक्शन लें। सुविधाओं की कमी न रहे। आदेश की जानकारी मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को दी जाए। प्रभारी अधीक्षक भी रिपोर्ट पर जवाब दाखिल करें। अगली सुनवाई 29 मई को होगी।

    ये है मामला

    मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डा. अरविंद गुप्ता की याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उक्त टिप्पणियां कीं। डा. गुप्ता ने निजी नर्सिंग होम में मरीज का इलाज किया था। लापरवाही की।

    राज्य उपभोक्ता फोरम के आदेश के खिलाफ डॉक्टर ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो चाल उल्टी पड़ गई। कोर्ट ने सरकारी डाक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर सवाल उठा सरकार से कड़ी कार्रवाई कर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा और प्रयागराज में मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज से सम्बद्ध एसआरएन अस्पताल की हालत पर रिपोर्ट मांगी।

    लीपापोती देख हाई कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

    लीपापोती देख हाई कोर्ट ने दो अधिवक्ताओं को न्यायमित्र के रूप में भेज मौके की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी। कोर्ट ने कहा, न्यायमित्रों की रिपोर्ट चौंकाने वाली है। अस्पताल में दवा नहीं, आईसीयू के एयरकंडीशनर एवं निजी व सामान्य वार्ड के पंखे खराब हैं। पांच में तीन एक्स-रे मशीन खराब है। परिसर में सीवर लाइन जाम है। सड़कों की हालत चलने लायक नहीं है।

    डायग्नोस्टिक मशीन काम नहीं कर रही

    डायग्नोस्टिक मशीन काम नहीं कर रही। कोर्ट ने प्रभारी अधीक्षक को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। कहा, जरूरत पड़े तो पुलिस बुला लें। एसी,कूलर पंखों की मरम्मत कराएं। न्यायमूर्ति ने यह टिप्पणी भी की कि प्रयागराज में महाकुंभ में 66.30 करोड़ लोगों ने संगम स्नान किया। गनीमत रही कि कोई बड़ी घटना नहीं हुई अन्यथा लोगों का इलाज करना संभव न होता। मेडिकल माफिया एसआरएन अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी व स्टाफ का गठजोड़ बना हुआ है।

    नगर आयुक्त अस्पताल परिसर व सीवर लाइर की सफाई कराएं

    कोर्ट ने कई निर्देश जारी किए। कहा-नगर आयुक्त अस्पताल परिसर व सीवर लाइन की सफाई कराएं। जल निगम को एक सप्ताह में फंड दिया जाए। लोक निर्माण विभाग सड़कों की मरम्मत कराए।

    सभी डाक्टरों की ड्यूटी की सूची जिलाधिकारी अखबार में प्रकाशित कराएं ताकि लोगों को जानकारी हो सके। सीसीटीवी कैमरे से ड्यूटी की निगरानी की जाए। जिलाधिकारी परिसर में तीमारदारों के लिए पेयजल की व्यवस्था करें।

    पुलिस कमिश्नर को अस्पताल में सुरक्षा गार्ड बढ़ाने का आदेश

    सीएमओ, शव विच्छेदन गृह के आसपास साफ-सफाई व सेनेटाइजेशन कराएं। फोटो वीडियो बनाने पर रोक लगे, इस निर्देश का उल्लघंन कोर्ट की अवमानना होगी। पुलिस कमिश्नर को अस्पताल में सुरक्षा गार्ड बढ़ाने का आदेश दिया। यह भी कहा कि मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के प्रवेश पर रोक लगाई जाए। लान का उपयोग शादी व सेमिनार के लिए न हो।

    प्रभारी अधीक्षक मानी सुविधाओं में कमी

    प्रभारी अधीक्षक ने माना कि अस्पताल में सुविधाओं की भारी कमी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यहां कैबिनेट मंत्री रहते हैं फिर भी अस्पताल की हालत खराब है। जिम्मेदार अधिकारी सुविधा मुहैया कराने की ड्यूटी पूरी नहीं कर रहे। सरकारी सेक्टर प्राइवेट सेक्टर के हाथों बर्बाद हो रहा। कोर्ट अपनी आंखें बंद नहीं रख सकती।

    comedy show banner
    comedy show banner