'सिर्फ एक मैसेज पोस्ट करना धारा 152 के तहत अपराध नहीं', इलाहाबाद हाई कोर्ट का बड़ा फैसला
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि केवल एक मैसेज पोस्ट करना भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 के तहत अपराध नहीं है। न्यायमूर्ति संतोष राय ने मेरठ के आरोपी साजिद चौधरी की जमानत मंजूर करते हुए यह टिप्पणी की। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस धारा को लागू करने से पहले उचित सावधानी बरतनी चाहिए।

विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि केवल एक मैसेज पोस्ट करने से भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 के तहत अपराध नहीं बनता। यह टिप्पणी न्यायमूर्ति संतोष राय ने मेरठ के आरोपी साजिद चौधरी की जमानत मंजूर करते हुए की।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बीएनएस की धारा 152 एक नई धारा है, जिसमें कठोर सजा का प्रविधान है, और आइपीसी में इसके अनुरूप कोई धारा नहीं है। कोर्ट ने कहा कि बीएनएस की धारा 152 को लागू करने से पहले उचित सावधानी और एक तर्कसंगत व्यक्ति के मानक अपनाए जाने चाहिए।
बोले गए शब्द या इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट भी भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में आते हैं। इनकी संकीर्ण व्याख्या नहीं की जानी चाहिए, जब तक कि वे देश की संप्रभुता और अखंडता को प्रभावित करने वाले न हों या अलगाववाद को प्रोत्साहित न करते हों।
बीएनएस की धारा 152 के तत्वों को आकर्षित करने के लिए, बोले गए या लिखित शब्दों, संकेतों, वीडियो, सशस्त्र विद्रोह, विध्वंसक गतिविधियों को बढ़ावा देने का उद्देश्य होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि किसी देश का समर्थन दिखाने वाला केवल एक मैसेज पोस्ट करना भारत के नागरिकों के बीच क्रोध या वैमनस्य पैदा कर सकता है और बीएनएस की धारा 196 के तहत दंडनीय हो सकता है, जिसमें सात साल तक की सजा है लेकिन यह निश्चित रूप से धारा 152 के तत्वों को आकर्षित नहीं करेगा।
जमानत याचिका में कहा गया था कि याची, जो 13 मई से जेल में बंद है, को गलत इरादों के कारण झूठा फंसाया गया है। उसने केवल पाकिस्तान जिंदाबाद से संबंधित पोस्ट को फारवर्ड किया था और कहीं भी कोई वीडियो पोस्ट नहीं किया।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि याची ने पहले भी इस प्रकार का अपराध किया है, लेकिन यह स्वीकार किया कि याची के नाम पर कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। यह भी कहा गया कि याची ने पाकिस्तान के एक व्यक्ति की पोस्ट पर टिप्पणी की थी, और उसकी फेसबुक आइडी की जांच करने पर यह पाया गया कि उसने पहले भी इस तरह का अपराध करने की कोशिश की थी।
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