UPPSC Exam: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस शख्स को दी बड़ी राहत, PCS Mains लिखने के लिए सहायक देने का दिया निर्देश
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने क्रानिक न्यूरोलाजिकल समस्या से ग्रसित समीर खान को पीसीएस मुख्य परीक्षा में बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को निर्देश दिया है कि समीर को परीक्षा में लिखने के लिए सहयोगी लेखक (स्क्राइब) का उपयोग करने की अनुमति दी जाए। आयोग ने अनुमति देने का आश्वासन दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति डा. वाईके श्रीवास्तव की एकल पीठ ने दिया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के विकास कुमार केस का हवाला दिया गया है।

विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 29 जून, 2025 को होने वाली पीसीएस मुख्य परीक्षा में सम्मलित होने जा रहे क्रानिक न्यूरोलाजिकल समस्या से ग्रसित शामली निवासी समीर खान को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उप्र लोक सेवा आयोग प्रयागराज को निर्देश दिया है कि याची को लिखने के लिए सहयोगी लेखक का उपयोग करने की अनुमति प्रदान की जाए।
कोर्ट ने आयोग से एक सप्ताह में इस संबंध में जानकारी मांगी है। आयोग की तरफ से अनुमति दिए जाने का आश्वासन दिया गया है। प्रकरण में अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति डा. वाईके श्रीवास्तव की एकल पीठ ने दिया है। याची की तरफ से अधिवक्ता प्रभाष पांडेय ने बहस की।
इनका कहना है कि याचिकाकर्ता को क्रानिक न्यूरोलाजिकल समस्या (राइट हैंड फोकल डिस्टोनिया) है, जिसमें मांसपेशियों का अनैच्छिक संकुचन होता है। खास कर तब, जब कोई व्यक्ति लिखने या किसी विशिष्ट कार्य को करने की कोशिश करता है।
सुप्रीम कोर्ट ने विकास कुमार केस में ऐसे मामले में सहायक रखने की अनुमति देने का निर्देश दिया है। इसलिए याची को 29 जून को होने वाली आयोग की परीक्षा में सहायक रखने की अनुमति दी जाए। आयोग की तरफ से प्रस्तुत हुए अधिवक्ता आरबी सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार ऐसे व्यक्ति को सहायक रखने की अनुमति देना उचित है।
आयोग अनुमति देगा। इस पर कोर्ट ने आयोग से जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश देते हुए याची को 29 जून की परीक्षा में लिखने के लिए सहायक रखने की अनुमति देने का आदेश दिया।
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