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    'संभल मस्जिद पर बुलडोजर एक्शन नहीं रुकेगा', मुस्लिम पक्ष की याचिका हाईकोर्ट से खारिज

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 01:31 PM (IST)

    इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संभल में तालाब और सरकारी जमीन पर बनी मस्जिद के ध्वस्तीकरण के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है। मस्जिद पक्ष को कोई राहत नहीं मिली लेकिन ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ अपील करने की छूट दी गई है। मस्जिद कमेटी ने जमीन के दस्तावेज पेश किए थे। याचिका में मस्जिद बरात घर और अस्पताल के खिलाफ ध्वस्तीकरण पर रोक की मांग की गई थी।

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    इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मस्जिद व बरात घर ध्वस्तीकरण मामले में रोक से इंकार कर दिया है।

    प्रयागराज। संभल में तालाब और सरकारी जमीन पर बनी मस्जिद के ध्वस्तीकरण से जुड़ा बड़ा निर्णय इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लिया है। हाई कोर्ट में मस्जिद पक्ष की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई।मस्जिद पक्ष को बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट में मस्जिद पक्ष को कोई अंतिम राहत नहीं दी गई है।

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    इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सरकारी जमीन पर बनी मस्जिद के ध्वस्तीकरण पर रोक के लिए याची को ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ वैकल्पिक उपचार अपील दाखिल करने की छूट दी है। कोर्ट ने इस आदेश के साथ याचिका खारिज कर दी है।

    हाई कोर्ट में लगातार आज दूसरे दिन छुट्टी के दिन अर्जेंट बेंच बैठी और मामले की सुनवाई की गई। मस्जिद कमेटी की ओर से जमीन से जुड़े दस्तावेज पेश किया गया। हाई कोर्ट ने कल की सुनवाई में मस्जिद की जमीन से जुड़े दस्तावेज मांगे थे।

    याची के अधिवक्ता अरविंद कुमार त्रिपाठी के मुताबिक कोर्ट की हस्तक्षेप के बाद उन्हें ध्वस्तीकरण का आदेश भी मिला है। बगैर ध्वस्तीकरण आदेश दिए मस्जिद के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही थी।राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने सरकार का पक्ष रखा। हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका निस्तारित कर दी है।

    हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में मस्जिद, बारात घर और अस्पताल के खिलाफ पारित ध्वस्तीकरण आदेश पर रोक लगाने की मांग में की गई है। याचिका पर जस्टिस दिनेश पाठक की सिंगल बेंच में सुबह 10 बजे सुनवाई हुई। मसाजिद शरीफ गोसुलबारा रावां बुजुर्ग और मस्जिद के मुतवल्ली मिंजर की ओर से याचिका दाखिल की गई है।

    हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर अर्जेंट बेसिस पर सुनवाई की मांग की गई थी। मस्जिद पक्ष की ओर से दलील दी गई की बारात घर को ध्वस्त कर दिया गया है। ध्वस्तीकरण के लिए 2 अक्टूबर गांधी जयंती और दशहरे का दिन चुना गया। बुलडोजर कार्रवाई के दौरान भीड़ की वजह से कोई बड़ा हादसा या बवाल भी हो सकता था।

    आरोप है कि बारात घर तालाब की जमीन पर बना हुआ था, मस्जिद का कुछ हिस्सा सरकारी जमीन पर बना हुआ है। हालांकि मस्जिद कमेटी की ओर से अवैध हिस्से को खुद हथौड़े से तोड़ा जा रहा है। याचिका में राज्य सरकार,डीएम व एसपी संभल, एडीएम, तहसीलदार और ग्राम सभा को पक्षकार बनाया गया है।

    मस्जिद की ओर से अधिवक्ता अरविंद कुमार त्रिपाठी और शशांक श्री त्रिपाठी ने पक्ष रखा। वहीं राज्य सरकार की ओर से चीफ स्टैंडिंग काउंसिल जेएन मौर्या और स्टैंडिंग काउंसिल आशीष मोहन श्रीवास्तव ने पक्ष रखा।