'जिम में पुरुष ट्रेनर बिना सुरक्षा-सम्मान के महिलाओं को दे रहे ट्रेनिंग?' हाई कोर्ट ने जताई चिंता
Allahabad High Court | UP News | इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पुरुष जिम प्रशिक्षकों द्वारा महिला प्रशिक्षुओं को पर्याप्त सुरक्षा उपायों के बिना प्रशिक्षण देने पर गंभीर चिंता जताई है। कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए जांच अधिकारी को जिम के पंजीकरण और सुरक्षा उपायों पर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी।

विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पुरुष जिम प्रशिक्षकों द्वारा महिला प्रशिक्षुओं को उनकी सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों बिना प्रशिक्षण दिए जाने पर ‘गंभीर’ चिंता जताई है। न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की पीठ ने जिम ट्रेनर नितिन सैनी द्वारा दायर अपील पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया है।
अपीलार्थी पर एक महिला प्रशिक्षु के खिलाफ जाति-आधारित गाली का इस्तेमाल कर उसे धक्का देने और गंदी गालियां देने का आरोप है। आरोपित अपीलकर्ता पर उपरोक्त अपमानजनक कृत्यों के लिए एससी-एसटी अधिनियम के प्रविधानों के साथ-साथ आइपीसी के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।
प्रकरण थाना ब्रह्मपुरी, जिला मेरठ का है। सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज अपने बयान में महिला ने यह भी दावा किया कि अपीलकर्ता ने उसके दोस्त का अश्लील वीडियो तैयार किया था और उक्त दोस्त को ऐसी अश्लील सामग्री भेज रहा था।
अपीलकर्ता के खिलाफ लगाए गए आरोपों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने कहा कि कथित कृत्य आइपीसी की धारा 354 और 504 के तहत दंडनीय अपराध भी हो सकते हैं। इस पृष्ठभूमि में कोर्ट ने कहा, ‘यह गंभीर चिंता का विषय है कि वर्तमान में पुरुष जिम प्रशिक्षक महिलाओं को उनकी सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों के बिना प्रशिक्षण दे रहे हैं।’
कोर्ट ने इसके अलावा उक्त परिस्थितियों पर विचार करते हुए संबंधित जांच अधिकारी को व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा, ‘हलफनामा में यह दर्शाया जाए कि क्या अपीलकर्ता द्वारा संचालित जिम कानून के तहत विधिवत पंजीकृत था?
क्या अपीलकर्ता को वर्तमान मामले में गिरफ्तार किया गया है या नहीं? जिम में प्रशिक्षक महिलाएं हैं अथवा नहीं? हाई कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई आठ सितंबर को करेगा।
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