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    Allahabad High Court : प्रयागराज पहुंचे CJI चंद्रचूड़, कहा- इलाहाबाद में आप सबने मुझे अपनाया था

    Updated: Fri, 16 Feb 2024 07:30 PM (IST)

    Allahabad High Court मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज गंगा यमुना और सरस्वती का संगम होने के साथ यह धर्म न्याय और शिक्षा की त्रिवेणी है। डा. चंद्रचूड़ का इलाहाबाद हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल अत्यंत प्रेरक रहा है। उन्हें आज मुख्य अतिथि बनाना अच्छा हैं। मुख्यमंत्री ने कहा 26 जनवरी 1950 में भारत ने अपना संविधान लागू किया था।

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    Allahabad High Court : प्रयागराज पहुंचे CJI चंद्रचूड़, कहा- इलाहाबाद में आप सबने मुझे अपनाया था

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। प्रधान न्यायाधीश डा. धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने शुक्रवार शाम यहां कहा कि हमारी शिक्षा का उद्देश्य सबकी भलाई होना चाहिए। जब हम शिक्षा में बराबरी की बात करते हैं तो समाज में बराबरी की बात लागू होगी। देश के 27 वें विधि विश्वविद्यालय के रूप में शुक्रवार शाम यहां डा. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के औपचारिक शुभारंभ मौके पर प्रधान न्यायाधीश ने मुख्य अतिथि के रूप में यह बात कही।

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    राजेंद्र प्रसाद कॉलेज पहुंचे थे सीजेआई

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में उन्होंने उम्मीद जताई कि डा. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय उच्च स्तरीय कानूनी पढ़ाई का केंद्र बनेगा। न्यायमूर्ति डा डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा इलाहाबाद में आप सबने मुझे अपनाया था। डा राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष के साथ बड़े वकील थे।

    डा राजेंद्र प्रसाद ने स्वतंत्र और आधुनिक भारत की नीव रखी। उन्होंने संविधान सभा में सबको अपनी बात रखने की छूट दी थी जो वास्तव में लोकतंत्र था। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, यह सुखद संयोग है कि मैने इलाहाबाद में चीफ जस्टिस के रूप में पौने तीन साल बिताया।

    सुप्रीर्म कोर्ट के निर्णय का कराया हिंदी अनुवाद 

    मैं बांबे उच्च न्यायालय से यहां आया तो उच्च विधा ग्रहण करने की इच्छा जागी। स्वतंत्रता आंदोलन में इस शहर का अहम योगदान है। महात्मा गांधी, आचार्य कृपलानी ने यहां अपनी रणनीति बनाई थी। अल्फेड पार्क आज भी चंद्रशेखर आजाद की गाथा कह रहा है। यह शहर विरासत का धनी है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने न्यायिक क्षेत्र में हुई कुछ उल्लेखनीय पहल का उल्लेख करते हुए बताया कि हमने 1950 से 2024 तक के 36 हजार सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हिंदी अनुवाद कराया है।

    इसका मकसद यह है कि जो अंग्रेजी नही जानते उनके घर तक कानून पहुंचे। इसे हर प्रदेश में लागू किया जा सकता है। कहा, जब मैं इलाहाबाद हाई कोर्ट में था तब भी अधिकतर वकील हिंदी में बहस करते थे। मैं भी बंबइया हिंदी में उसका अनुवाद करता था।

    जब हम शिक्षा में बराबरी की बात करते हैं तो समाज में बराबरी की बात लागू होगी। इससे वे अपने अधिकार की बात कर सकेंगे। मुंशी प्रेमचंद ने कहा था कि हमारी शिक्षा व्यवस्था सामाजिक चेतना नहीं जगाती। यह विशेष वर्ग का हित साधती है। विश्वभर में डर, ईर्ष्या को बढ़ावा देती है, जबकि हमारी शिक्षा का उद्देश सबकी भलाई का होना चाहिए।

    बार-बेंच के सहयोग से सुशासनः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज गंगा यमुना और सरस्वती का संगम होने के साथ यह धर्म, न्याय और शिक्षा की त्रिवेणी है। डा. चंद्रचूड़ का इलाहाबाद हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल अत्यंत प्रेरक रहा है। उन्हें आज मुख्य अतिथि बनाना अच्छा हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, 26 जनवरी 1950 में भारत ने अपना संविधान लागू किया था। जब भारत के संविधान की प्रस्तावना को लेकर बहस चल रही है तब बाबा साहब ने कहा था कि हम इति की चिंता करते हैं कि जबकि हम शुरुआत अच्छी कर रहे हैं तो सब अच्छा होगा। ठीक वैसे भी आज अच्छी शुरुआत हो रही है।

    आज यूपी बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है। हम प्रधानमंत्री के निर्देश में प्रदेश में सुशासन लाने का काम कर रहे हैं जिसकी शर्त रूल ऑफ लॉ है । यह बार और बेंच के बिना संभव नहीं है। मैं आभार ज्ञापित करता हूं कि न्यायिक क्षेत्र से हमे सहयोग मिला। अधिकारियों से कहता हूं कि लोकतंत्र में जनता का विश्वास नहीं टूटना चाहिए अन्यथा उन्हें सड़कों पर उतरने में नहीं लगेगी।

    सरकार के पास कोई भी समस्या आए तो वह समाधान बनकर निकले। इससे पहले बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन मिश्र ने कहा कि संस्थान को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षकों का विशेष योगदान होता है। उम्मीद है कि बेंगलुरु की तरह यह विश्विद्यालय भी काम करेगा।

    इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति अरुण भंसाली ने उम्मीद जताई कि डा राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय से कानून की बेहतर पढ़ाई होगी। किताबी ज्ञान के साथ तकनीक का उपयोग करके बेहतर बढ़ाई होगी। यह भविष्य का बड़ा संस्थान साबित होता।

    सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति मनोज मिश्र ने कहा कि इलाहाबाद की पहचान शिक्षा के साथ राजनीति में रही है। यहां राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की मांग काफी समय से चल रही थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरा करवाया। संसाधन उपलब्ध करवाकर इसका काम शुरू हुआ है।

    कार्यक्रम के शुभारंभ में विश्वविद्यालय की कुलपति ऊषा टंडन ने भविष्य की कार्ययोजना पर प्रकाश डाला। प्रधान न्यायाधीश शनिवार सुबह इलाहाबाद हाई कोर्ट के ड्रमंड रोड स्थित म्यूजियम में मध्यस्थता केंद्र का उदघाटन करने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के न्यायालय पुस्तक का उद्घाटन भी करेंगे।