Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्या कोई कानून का जानकार किसी के लिए कोर्ट में बहस कर सकता है, HC ने कर दिया क्लियर

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 03:39 AM (IST)

    इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया गया है क्या कोई व्यक्ति जिसके पास कानून की जानकारी है किसी और की तरफ से कोर्ट में बहस कर सकता है? न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर ने इंजीनियर विश्राम सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए महानिबंधक और उत्तर प्रदेश बार काउंसिल को इस मामले में पक्षकार बनाया है ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके। याचिका की अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी।

    Hero Image
    क्या कोई कानून का जानकार किसी के लिए कोर्ट में बहस कर सकता है, HC ने कर दिया क्लियर

    विधि संवाददाता, प्रयागराज। क्या कोई व्यक्ति, जो कानून की जानकारी रखता है, किसी की ओर से कोर्ट में बहस कर सकता है? इस मुद्दे पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में सवाल उठाए गए हैं। महानिबंधक के माध्यम से इलाहाबाद हाई कोर्ट और सचिव के जरिये उत्तर प्रदेश बार काउंसिल को याचिका में पक्षकार बनाया गया है, ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    याचिका की अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी।यह आदेश न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर ने पेशे से इंजीनियर विश्राम सिंह की याचिका की सुनवाई के दौरान दिया।

    अधीनस्थ अदालत में शील निधि जायसवाल ने याची को बहस करने की अनुमति मांगी, जिसे अदालत ने यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि याची विश्राम सिंह पंजीकृत अधिवक्ता नहीं हैं, इसलिए किसी और की ओर से बहस करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

    इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। याची का कहना है कि वह इंजीनियर है और निर्माण कार्य करते हैं। उन्हें कानून की जानकारी है और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सौ से अधिक फैसले पढ़े हैं।

    उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 22(1) और अनुच्छेद 227(3) का हवाला देते हुए अधीनस्थ अदालत के आदेश को रद करने और प्लीडर के रूप में बहस की अनुमति की मांग की है। कोर्ट ने आदेश की प्रति महानिबंधक और सचिव बार काउंसिल उत्तर प्रदेश को भेजने का निर्देश दिया है।