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    धर्मस्थल में लाउडस्पीकर पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की बड़ी टिप्पणी, मस्जिद से अजान के लिए मांगी गई थी अनुमति

    Updated: Fri, 24 Jan 2025 07:42 PM (IST)

    हाई कोर्ट ने कहा कि पूजा स्थलों पर लाउडस्पीकर का उपयोग कानूनी अधिकार नहीं है। न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र और डोनादी रमेश की खंडपीठ ने यह फैसला अजान के लिए लाउडस्पीकर लगाने की याचिका खारिज करते हुए दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि धार्मिक स्थलों का उद्देश्य ईश्वर की प्रार्थना है और लाउडस्पीकर का उपयोग आसपास के लोगों को परेशानी पहुंचा सकता है।

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    इलाहाबाद हाई कोर्ट । फाइल फोटो ।

    विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी में कहा है कि धार्मिक स्थल में पूजा के लिए लाउडस्पीकर का उपयोग करना किसी का कानूनी अधिकार नहीं है। पूजा स्थल मुख्यतः ईश्वर की प्रार्थना के लिए होते हैं इसलिए लाउडस्पीकरों के प्रयोग को अधिकार नहीं कहा जा सकता।

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    विशेषकर तब, जब ऐसा प्रयोग आसपास रहने वालों के लिए परेशानी का कारण बनता हो। यह टिप्पणी न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति डोनादी रमेश की खंडपीठ ने पीलीभीत के मुख्तियार अहमद की याचिका खारिज करते हुए की है।

    अजान के लिए लाउडस्पीकर लगाने की मांगी गई थी अनुमति 

    याचिका में एक मस्जिद से अजान देने के लिए लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति की मांग की गई थी। सरकारी वकील ने यह कहते हुए इसका विरोध किया कि याची न तो मस्जिद का मुतवल्ली है और न ही मस्जिद उसकी है।

    कोर्ट ने कहा कि धार्मिक स्थल ईश्वर की पूजा-अर्चना के लिए होते हैं, इसलिए लाउडस्पीकर के उपयोग को अधिकार नहीं माना जा सकता। इससे पहले मई 2022 में हाई कोर्ट ने कहा था कि अब कानून में यह प्रविधान हो गया है कि मस्जिदों से लाउडस्पीकर बजाना मौलिक अधिकार नहीं है। इसलिए याची को राहत नहीं दी जा सकती।

    अपर महाधिवक्ता पीके गिरि बने हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति

    वहीं दूसरी ओर, राष्ट्रपति ने राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता प्रवीण कुमार गिरि को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया है। इस आशय की अधिसूचना केंद्रीय विधि एवं कानून मंत्रालय के संयुक्त सचिव जगन्नाथ श्रीनिवासन ने गुरुवार को जारी की।

    सुप्रीम कोर्ट कलेजियम ने 26 दिसंबर 2024 को पीके गिरि को न्यायाधीश बनाए जाने की संस्तुति की थी। इस नियुक्ति के बाद 160 न्यायाधीशों वाले हाई कोर्ट में मुख्य न्यायमूर्ति सहित 80 न्यायाधीश हो जाएंगे।भारतीय सेना में वारंट अफसर रहे आजमगढ़ के अहरौला थाने के विशुनपुरा बुआपुर गांव निवासी कोमल प्रसाद गिरि के घर 20 जनवरी 1975 को जन्मे प्रवीण कुमार गिरि की प्रारंभिक शिक्षा गांव स्थित जनता इंटर कालेज में हुई।

    उन्होंने बीए, एलएलबी और एलएलएम इलाहाबाद विश्वविद्यालय से किया। हाई कोर्ट में वर्ष 2002 में वकालत शुरू की। मुख्य रूप से फौजदारी की वकालत करते रहे। वर्ष 2017 में उन्हें अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता और बाद में अपर महाधिवक्ता नियुक्त किया। प्रयागराज में ट्रांसपोर्टनगर निवासी प्रवीण कुमार गिरि सबसे कम उम्र में अपर महाधिवक्ता भी बने थे।

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