Allahabad High Court: रामपुर के क्वालिटी बार की जमीन कब्जाने में आजम खां की जमानत पर आदेश सुरक्षित
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजम खान की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा जो रामपुर में क्वालिटी बार की जमीन पर अवैध कब्जे से संबंधित है। 2019 में दर्ज मामले में आजम को 2024 में आरोपी बनाया गया। उनके वकील ने राजनीतिक साजिश का आरोप लगाया जबकि सरकारी वकील ने आजम के आपराधिक इतिहास और पद के दुरुपयोग का हवाला देते हुए जमानत का विरोध किया।
विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रामपुर में क्वालिटी बार की भूमि पर अवैध कब्जे के मामले में आरोपित वरिष्ठ समाजवादी पार्टी नेता और पूर्व मंत्री आजम खां की जमानत अर्जी पर आदेश सुरक्षित कर लिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति समीर जैन ने दिया है।
रामपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट से मामले में जमानत याचिका खारिज होने के बाद आजम खां ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। उनकी ओर से अधिवक्ता इमरानउल्लाह ने कहा कि याची को इस मामले में राजनीतिक रंजिश के कारण फंसाया गया है।
मुकदमा 2019 में दर्ज़ हुआ और 2024 में अभियुक्त बनाया गया। अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व एजीए रूपक चौबे ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आजम का लंबा आपराधिक इतिहास है।
घटना के वक्त वह तत्कालीन सरकार में नगर विकास मंत्री थे। पद और प्रभाव का दुरुपयोग कर अपराध किया गया है। क्वालिटी बार की जमीन रामपुर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में हाईवे पर स्थित सईद नगर हरदोई पट्टी में है। इस पर अवैध कब्जे के संबंध में 2019 में राजस्व निरीक्षक अनंगराज सिंह ने एफआइआर दर्ज कराई थी।
आजम खां से पहले पुलिस ने चेयरमैन सैयद जफर अली जाफरी, आजम खां की पत्नी डॉ. तजीन फात्मा और बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खान को नामजद किया था। बाद में विवेचना के दौरान पूर्व मंत्री को भी आरोपित बनाया गया।
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