Fatehpur Tomb Case: फतेहपुर में बवाल की CBI जांच के लिए हाई कोर्ट में याचिका, जल्द हो सकती है सुनवाई
फतेहपुर में मकबरे को ठाकुरद्वारा बताकर मजारों की ईंटें उखाड़ने के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में घटना की सीबीआई या न्यायिक जांच कराने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता के वकील ने इसे सोची-समझी साजिश बताया है जिसमें स्थानीय पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया गया है। घटना में मकबरे पर भगवा ध्वज लहराया गया और तोड़फोड़ की गई।

विधि संवाददाता, प्रयागराज। फतेहपुर में आबूनगर स्थित मकबरे को ठाकुरद्वारा बताते हुए मजारों की ईंटें उखाड़े जाने के बाद मचे बवाल की सीबीआइ अथवा न्यायिक जांच कराए जाने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। हाई कोर्ट जल्द ही इस मामले में सुनवाई कर सकता है। अभी तिथि नियत नहीं हुई है।
याची के अधिवक्ता सहर नकवी व मोहम्मद आरिफ का कहना है कि घटना सोची समझी साजिश का नतीजा है। स्थानीय पुलिस अधिकारियों पर उपद्रवियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने व गिरफ्तारी नहीं करने का आरोप है।
जनहित याचिका हजरत ख्वाजा गरीब नवाज वेलफेयर एसोसिएशन महाराष्ट्र के अध्यक्ष मोहम्मद यूसुफ के मार्फत दाखिल की गई है। इसमें फतेहपुर की घटना को दंगा बताते हुए इसकी सीबीआइ अथवा न्यायिक जांच कराने और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई है।
याचिका में प्रदेश व स्थानीय अधिकारियों सहित भाजपा जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल व हिंदू महासभा की जिला इकाई के अध्यक्ष मनोज त्रिवेदी को पक्षकार बनाया गया है।
यह था घटनाक्रम
मठ मंदिर संरक्षण कमेटी के आह्वान पर भाजपा तथा हिंदू महासभा से जुड़े पदाधिकारियों के बीती सोमवार 11 अगस्त को मकबरे में पहुंचने के बाद शंख ध्वनि करते हुए भगवा ध्वज लहरा दिया गया। साथ ही मजारों में तोड़फोड़ भी की गई। विरोध में मुस्लिम जुटे तो दोनों पक्षों में पथराव तक हो गया।
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