पीएम के लिए आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले को हाई कोर्ट से सशर्त जमानत, मेरठ के जानी थाने में दर्ज है केस
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने के आरोपी जावेद को सशर्त जमानत दी। मेरठ निवासी जावेद 11 जून 2025 से जेल में था। कोर्ट ने पाया कि वीडियो भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 के अंतर्गत नहीं आता। जावेद को जांच में सहयोग करने और आपत्तिजनक पोस्ट अपलोड न करने का निर्देश दिया गया है। शर्तों के उल्लंघन पर जमानत रद्द होगी।

विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने के आरोपित मेरठ निवासी जावेद को सशर्त जमानत दे दी है। उसके खिलाफ जानी थाने में केस दर्ज है। आरोपित 11 जून 2025 से जेल में है। न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की एकलपीठ ने यह आदेश दिया है।
पुलिस के अनुसार जावेद ने वाट्सएप पर ऐसा वीडियो पोस्ट किया था जिसमें कथित तौर पर भारतीय प्रधानमंत्री अपने पाकिस्तानी समकक्ष से युद्ध करने के लिए कह रहे हैं ताकि दोनों देशों की जनता पांच साल तक चुप रहे। इस वीडियो में जो आडियो है, उसके अनुसार दोनों नेता आपस में बात कर रहे हैं कि जनता उनसे खुश नहीं है और उन्हें उनके पदों से हटाना चाहती है।
पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलों पर विचार करते हुए पाया कि अपलोड वीडियो प्रथमदृष्टया भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य) के अंतर्गत नहीं आता। अपीलार्थी के अधिवक्ता ने कहा, पुलिस इस मामले में आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है। इसलिए वह जमानत पर रिहा होने का हकदार है।
हालांकि अतिरिक्त सरकारी अधिवक्ता (एजीए) ने विरोध किया। कोर्ट ने गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त किए बिना सशर्त जमानत दे दी। निर्देश दिया कि अपीलार्थी जांच में सहयोग करेगा। इंटरनेट मीडिया पर कोई आपत्तिजनक पोस्ट अपलोड नहीं करेगा और किसी भी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं होगा। शर्तों के उल्लंघन पर जमानत रद कर दी जाएगी।
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