यूपी के इन सरकारी कर्मचारियों की बढ़ेगी सैलरी? इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिया आदेश
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों की तरह जिला न्यायालय के कर्मचारी भी वेतन वृद्धि के हकदार हैं। न्यायमूर्ति विकास बुधवार ने विनोद कुमार सक्सेना व सुधीर कुमार अग्रवाल को यह आदेश दिया। कोर्ट ने मुजफ्फरनगर की शिकायत निवारण समिति का आदेश रद्द कर दिया और दो महीने में निर्णय लेने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ताओं ने 30 जून 2019 को सेवानिवृत्त होने पर वेतन वृद्धि की मांग की थी, जिसे समिति ने खारिज कर दिया था।

यूपी के इन सरकारी कर्मचारियों की बढ़ेगी सैलरी? इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिया आदेश
विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों की तरह जनपद न्यायालय के कर्मचारी भी एक वेतन वृद्धि को पाने के हकदार हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति विकास बुधवार ने विनोद कुमार सक्सेना व सुधीर कुमार अग्रवाल ने दिया।
कोर्ट ने याचियों के संबंध में जनपद न्यायालय मुजफ्फरनगर की शिकायत निवारण समिति का आदेश निरस्त करते हुए यूनियन आफ इंडिया व अन्य बनाम पी. अयप्पापेरूमल के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश, प्रदेश सरकार के 12 जून 2024 के शासनादेश के अनुसार याचियों के मामले में दो महीने के अंदर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
याची अधिवक्ता जगदीश सिंह बुंदेला ने कोर्ट को बताया कि विनोद कुमार सक्सेना जनपद न्यायालय मुजफ्फरनगर में स्टेनो और सुधीर कुमार अग्रवाल सदर मुंसरिम के पद से 30 जून 2019 को सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने जिला जज मुजफ्फरनगर को प्रार्थना पत्र देकर एक जुलाई 2018 से 30 जून 2019 के बीच एक वेतन वृद्धि सहित पेंशनरी लाभ की मांग की। उनके प्रार्थना पत्रों को चार सदस्यीय शिकायत निवारण समिति के पास भेजा गया।
समिति ने वरिष्ठ कोषाधिकारी मुजफ्फरनगर से इस संबंध में आख्या मांगी। आख्या में कहा गया कि ऐसा कोई शासनादेश नहीं है कि 30 जून को सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी को एक वेतन वृद्धि दी जाए। इस पर शिकायत निवारण समिति ने पांच अगस्त 2019 को याचियों के प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिए। समिति के इसी आदेश को दोनों कर्मचारियों ने याचिका के माध्यम से चुनौती दी थी।
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