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    शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने को कमेटी की रिपोर्ट पर शीघ्र निर्णय लें, इलाहाबाद हाई कोर्ट का राज्य सरकार को निर्देश

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Tue, 28 Oct 2025 05:15 PM (IST)

    इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट पर जल्द निर्णय लेने का निर्देश दिया है। वाराणसी के विवेकानंद की अवमानना याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने यह आदेश दिया। कोर्ट ने पहले सरकार को शिक्षामित्रों के मानदेय पर विचार करने के लिए समिति बनाने का आदेश दिया था। सरकार ने रिपोर्ट पेश की, जिसके बाद कोर्ट ने उचित कार्रवाई करने को कहा है।

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     शिक्षामित्रों के मानदेय पर इलाहाबाद हाई कोर्ट का निर्देश, सरकार फैसला जल्द ले।

    विधि संवाददाता, जागरण, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को एक बार फिर से शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने के बारे में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि सरकार पूर्व निर्देश के अनुपालन में मानदेय बढ़ाने के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट पर शीघ्र निर्णय लें।

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    कोर्ट ने अवमानना अर्जी खारिज की 

    यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने वाराणसी निवासी विवेकानंद की अवमानना अर्जी खारिज करते हुए दिया है। शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर पूर्व में याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट ने 12 जनवरी 2024 को राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर उच्चस्तरीय समिति गठित करने का आदेश दिया था। इस समिति ने शिक्षामित्रों के सम्मानजनक मानदेय बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार कर रिपोर्ट प्रस्तुत है। रिपोर्ट पर कोई निर्णय नहीं लिया गया तो अवमानना याचिका दाखिल की गई।

    याची के अधिवक्ता ने दिया तर्क

    याची के अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी का कहना था कि शिक्षामित्रों को सम्मानजनक मानदेय नहीं मिल पा रहा है। उन्हें कम से कम न्यूनतम वेतन के बराबर मानदेय दिया जाए। कोर्ट 18 सितंबर 2025 को सुनवाई के दौरान अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा सहित अन्य अधिकारियों से अनुपालन हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा था।

    अपर मुख्य सचिव ने हलफनामा दाखिल किया 

    सोमवार को सुनवाई के दौरान अपर मुख्य सचिव ने अनुपालन हलफनामा दाखिल किया। इसमें कहा गया कि समिति ने 21 अक्तूबर की बैठक में सम्मानजनक मानदेय बढ़ाने के मुद्दे पर विचार किया है, चूंकि यह मामला समिति के दायरे से बाहर है और इसके लिए कैबिनेट की स्वीकृति आवश्यक है, इसलिए समिति ने अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंप दी है।

    राज्य सरकार से उचित कार्रवाई का निर्देश 

    कोर्ट ने समिति की रिपोर्ट और हलफनामे पर विचार के बाद कहा कि इस स्तर पर अवमानना याचिका लंबित रखने का औचित्य नहीं है। कोर्ट ने अवमानना याचिका खारिज करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया कि शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने की समिति की सिफारिश पर उचित कार्रवाई सुनिश्चित करें।

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