Prayagraj Airport के नाम एक और रिकार्ड, छह एयरोब्रिज के साथ यूपी का बना पहला घरेलू हवाई अड्डा बना
प्रयागराज एयरपोर्ट पहला ऐसा घरेलू हवाई अड्डा बन गया है जहां छह एयरोब्रिज की सुविधा उपलब्ध है। इस मामले में वाराणसी और आगरा को भी पीछे छोड़ दिया है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा ही प्रयागराज से आगे है जहां नौ एयरोब्रिज हैं।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Prayagraj Airport प्रयागराज एयरपोर्ट ने उत्तर प्रदेश के हवाई अड्डों के बीच एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह पहला ऐसा घरेलू हवाई अड्डा बन गया है, जहां छह एयरोब्रिज की सुविधा उपलब्ध है। इस उपलब्धि के साथ संगमनगरी का यह हवाई अड्डा न केवल प्रदेश के अन्य घरेलू हवाई अड्डों से आगे निकल गया है, बल्कि वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को भी पछाड़ दिया है। वाराणसी में जहां उड़ानों की संख्या प्रयागराज की तुलना में चार गुना अधिक है, वहां केवल चार एयरोब्रिज हैं। इस मामले में अब केवल लखनऊ का चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, जहां नौ एयरोब्रिज हैं, प्रयागराज से आगे है।
एयरोब्रिज, जिसे तकनीकी भाषा में पैसेंजर बोर्डिंग ब्रिज (पीबीबी) भी कहा जाता है, एक आधुनिक सुविधा है जो यात्रियों को टर्मिनल भवन से सीधे विमान तक पहुंचने में मदद करती है। इस सुविधा के कारण यात्रियों को न तो सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं और न ही रनवे पर बस के जरिए विमान तक जाना पड़ता है। यह चलायमान पुल टर्मिनल और विमान के बीच एक सुरक्षित और आरामदायक रास्ता प्रदान करता है। खासकर बारिश, तेज धूप या ठंड जैसे प्रतिकूल मौसम में यह सुविधा यात्रियों के लिए वरदान साबित होती है। एयरोब्रिज की मौजूदगी न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ाती है, बल्कि हवाई अड्डे की कार्यक्षमता और आधुनिकता को भी दर्शाती है।
वाराणसी, गोरखपुर, कानपुर व आगरा हवाई अड्डों को पीछे छोड़ा
Prayagraj Airport के निदेशक मुकेश चंद्र उपाध्याय ने इस उपलब्धि पर गर्व जताते हुए बताया कि छह एयरोब्रिज के साथ प्रयागराज ने वाराणसी, गोरखपुर, कानपुर और आगरा जैसे अन्य हवाई अड्डों को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा, वर्तमान में कम उड़ानों के कारण छह में से चार एयरोब्रिज का ही उपयोग हो रहा है। लेकिन जैसे-जैसे उड़ानों की संख्या बढ़ेगी, शेष दो एयरोब्रिज भी यात्रियों के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। यह कदम न केवल हवाई अड्डे की क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि भविष्य में यात्रियों की बढ़ती संख्या को संभालने के लिए भी तैयार करेगा।
वाराणसी में चार एयोब्रिज
वाराणसी का लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश में एक प्रमुख हवाई अड्डा है, जहां रोजाना दर्जनों उड़ानें संचालित होती हैं। इसके बावजूद, वहां केवल चार एयरोब्रिज हैं, जबकि प्रयागराज में छह एयरोब्रिज की उपलब्धता इसे एक अलग पहचान देती है। प्रयागराज में उड़ानों की संख्या भले ही वाराणसी से कम हो, लेकिन एयरोब्रिज की संख्या के मामले में यह अब वाराणसी से कहीं आगे है। यह उपलब्धि प्रयागराज एयरपोर्ट की आधुनिक सुविधाओं और भविष्य की तैयारियों को दर्शाती है।
लखनऊ है शीर्ष पर
उत्तर प्रदेश में एयरोब्रिज की संख्या के मामले में लखनऊ का चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अभी भी शीर्ष पर है। यहां कुल नौ एयरोब्रिज हैं, जो इसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं और व्यस्तता को दर्शाते हैं। हालांकि, प्रयागराज का छह एयरोब्रिज के साथ दूसरा स्थान हासिल करना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है, खासकर तब जब यह केवल घरेलू उड़ानों के लिए संचालित होता है।
एयरोब्रिज की क्या है उपयोगिता
एयरोब्रिज की उपयोगिता और भविष्य की संभावनाएं एयरोब्रिज की सुविधा यात्रियों के लिए कई तरह से फायदेमंद है। यह न केवल समय की बचत करता है, बल्कि बुजुर्गों, बच्चों और दिव्यांग यात्रियों के लिए भी विशेष रूप से उपयोगी है। पारंपरिक रूप से, जिन हवाई अड्डों पर एयरोब्रिज की सुविधा नहीं होती, वहां यात्रियों को बस के जरिए रनवे तक ले जाया जाता है और फिर सीढ़ियों के माध्यम से विमान में प्रवेश करना पड़ता है। यह प्रक्रिया न केवल समय लेती है, बल्कि मौसम की स्थिति के आधार पर असुविधाजनक भी हो सकती है।
प्रयागराज के लिए उपयोगी साबित होगी
प्रयागराज एयरपोर्ट पर छह एयरोब्रिज की स्थापना इस बात का संकेत है कि हवाई अड्डा भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। कुंभ मेला जैसे बड़े आयोजनों के दौरान प्रयागराज में यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि होती है। ऐसे में अतिरिक्त एयरोब्रिज की उपलब्धता हवाई अड्डे की क्षमता को और मजबूत करेगी। साथ ही, यदि भविष्य में उड़ानों की संख्या बढ़ती है, तो ये एयरोब्रिज और अधिक उपयोगी साबित होंगे।
प्रयागराज एयरपोर्ट का विकास और चुनौतियां
प्रयागराज एयरपोर्ट का यह विकास शहर के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। संगमनगरी, जो अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान के लिए जानी जाती है, अब आधुनिक बुनियादी ढांचे के मामले में भी अपनी पहचान बना रही है। हालांकि, कम उड़ानों की वजह से अभी सभी एयरोब्रिज का उपयोग नहीं हो पा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर प्रयागराज से अधिक शहरों के लिए उड़ानें शुरू की जाएं, तो यह हवाई अड्डा और अधिक व्यस्त और उपयोगी हो सकता है।
संगम नगरी के लिए गर्व की बात
प्रयागराज एयरपोर्ट ने छह एयरोब्रिज के साथ उत्तर प्रदेश के घरेलू हवाई अड्डों में अपनी विशेष पहचान बनाई है। यह उपलब्धि न केवल हवाई अड्डे की आधुनिकता को दर्शाती है, बल्कि यात्रियों के लिए सुविधा और सुरक्षा के नए मानक भी स्थापित करती है। भविष्य में उड़ानों की संख्या बढ़ने के साथ यह हवाई अड्डा और अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। लखनऊ के बाद अब प्रयागराज का यह हवाई अड्डा प्रदेश में दूसरा सबसे बड़ा एयरोब्रिज सुविधा वाला हवाई अड्डा बन गया है, जो संगमनगरी के लिए गर्व की बात है।
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