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    अध्‍यात्‍म की राह पर 30 साल की ये मशहूर एक्‍ट्रेस, महाकुंभ में लगाई डुबकी; फि‍ल्‍मी दुन‍िया को कहा अलव‍िदा

    अभिनेत्री इशिका तनेजा ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि सिनेमा की दुनिया को छोड़कर अब वह अध्यात्म की राह पर हैं। नाम श्री लक्ष्मी रखने के बाद अब वह सनातन धर्म के प्रसार में जुटी हैं। द्वारका-शारदा पीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती से गुरु दीक्षा लेने पर उन्होंने बताया कि फिल्मी दुनिया से इतर जीवन अधूरा था लिहाजा असली जीवन को भी खूबसूरत बनाना जरूरी है।

    By Sharad Dwivedi Edited By: Vinay Saxena Updated: Fri, 07 Feb 2025 12:37 PM (IST)
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    मिस इंडिया रह चुकीं इशिका तनेजा।- फोटो सोर्स- सोशल मीड‍िया

    जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। सिनेमा की दुनिया में मधुर भंडारकर की फिल्म 'इंदू सरकार' से अपनी पहचान बनाने वाली मिस इंडिया रह चुकीं इशिका तनेजा (Ishika Taneja) भी सनातन की डगर पर महाकुंभ में चल पड़ी हैं। मिस वर्ल्ड टूरिज्म में उन्हें बिजनेस वुमन ऑफ द वर्ल्ड और मिस इंडिया के रूप में मिस पापुलैरिटी और मिस ब्यूटी विद ब्रेन का सम्मान पाने के बाद आध्यात्म की ओर उनका रुझान कुछ ऐसा हुआ कि महाकुंभ में दीक्षा लेने के बाद वह भगवा कपड़े में नजर आ रही हैं।

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    इशि‍का बनीं 'श्री लक्ष्‍मी'

    अभिनेत्री इशिका तनेजा ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि सिनेमा की दुनिया को छोड़कर अब वह अध्यात्म की राह पर हैं। नाम श्री लक्ष्मी रखने के बाद अब वह सनातन धर्म के प्रसार में जुटी हैं। द्वारका-शारदा पीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती से गुरु दीक्षा लेने पर उन्होंने बताया कि फिल्मी दुनिया से इतर जीवन अधूरा था, लिहाजा असली जीवन को भी खूबसूरत बनाना जरूरी है।

    'सही समय पर वापसी सुखद है'

    समाज में बेटियों की भूमिका को धर्म के लिहाज से समृद्ध करने की कहीं अधिक जरूरत है। बताया कि जीवन में बहुत कुछ था, गिनीज बुक का सम्मान मिला हो या मिस वर्ल्ड टूरिज्म, भट्ट जी के साथ कई गाने भी किए। बताया कि सही समय पर वापसी करना काफी सुखद है। 

    40 करोड़ के करीब पहुंची स्नानार्थियों की अब तक की कुल संख्या

    अमृत स्नान पर्व न मुख्य नहान, फिर भी गुरुवार को अमृत पान के लिए संगम की पावन धरा पर आस्था उमड़ पड़ी। भोर में ही संगम समेत प्रमुख स्नान घाट पैक हो गए थे। पुलिस और पीएसी के साथ अर्द्धसैनिक बलों के जवानों का यही लक्ष्य था कि स्नान के बाद तत्काल श्रद्धालु घाट छोड़ दें। इसके लिए लगातार एनाउंसमेंट भी हो रहा था। गुरुवार को लगभग 77.20 लाख श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में डुबकी लगाई। इस तरह से अब तक 39 करोड़ 74 लाख कुल स्नानार्थियों की संख्या पहुंच गई।

    श्रद्धालुओं का लगा रहा तांता

    गुरुवार भोर में तीन बजे से शुरू हुए स्नान से सुबह छह बजे तक 26 लाख करीब श्रद्धालु डुबकी लगा चुके थे। सुबह आठ बजे तक यह संख्या लगभग 39 लाख पहुंच गई। सुबह 10 बजे तक 48.70 लाख तो दोपहर 12 बजे तक 57.10 लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। शाम चार बजे तक यह संख्या 68.47 लाख और रात नौ बजे 77.20 लाख तक पहुंच चुकी थी। माघ महीने की नवमी पर भोर से ही संगम आने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगा था।

    शहर के साथ ही अरैल, झूंसी और फाफामऊ की ओर से महाकुंभ आने वाले मार्गों पर भारी भीड़ थी। संगम तट के साथ ही झूंसी के एरावत स्नान घाट पर सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं ने स्नान किया। महाकुंभ के तीनों स्नान पर्व मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या व वसंत पंचमी के बाद गुरुवार को उमड़ी भीड़ को लेकर अनुमान लगाया गया कि अब स्थानीय के साथ आसपास के जिलों के श्रद्धालु आने लगे हैं। साथ ही पर्यटकों की भी अच्छी-खासी भीड़ पहुंचने लगी है।

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