महाकुंभ आईं महिला श्रद्धालुओं का वीडियो अपलोड करने वालों पर कार्रवाई शुरू, अकाउंट डिलीट; होगी गिरफ्तारी
महाकुंभ में कुछ लोगों ने शर्मनाक हरकत करते हुए स्नान और कपड़े बदलने के दौरान महिलाओं की वीडियो बना ली फिर उसे इंस्टाग्राम पर शेयर कर दिया। उधर इंटरनेट मीडिया और सर्च इंजन पर लगातार नजर रख रही पुलिस की साइबर टीम को इस बारे में पता चला तो महिलाओं के सम्मान से खिलवाड़ करने वालों का पता लगाया गया।

जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। सोशल मीडिया पर महिला श्रद्धालुओं का अमर्यादित वीडियो अपलोड करने और शेयर करने वालों के खिलाफ महाकुंभ पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने उन सोशल मीडिया अकाउंट को डिलीट करवाया है, जिस पर अशोभनीय वीडियो पोस्ट किए गए थे। इसके साथ ही अकाउंट के सही संचालकों के बारे में भी मेटा कंपनी से पूरी जानकारी मांगी गई है, ताकि उन्हें चिह्नित करते हुए गिरफ्तारी की जाए।
महाकुंभ में कुछ लोगों ने शर्मनाक हरकत करते हुए स्नान और कपड़े बदलने के दौरान महिलाओं की वीडियो बना ली, फिर उसे इंस्टाग्राम पर शेयर कर दिया। उधर, इंटरनेट मीडिया और सर्च इंजन पर लगातार नजर रख रही पुलिस की साइबर टीम को इस बारे में पता चला तो महिलाओं के सम्मान से खिलवाड़ करने वालों का पता लगाया गया।
पता चला कि नेहा नाम से बनाए गए इंस्टाग्राम पर सबसे ज्यादा 38 वीडियो पोस्ट किए गए थे। कुछ दूसरे अकाउंट पर भी कई वीडियो शेयर किए गए थे। तब पुलिस ने इंस्टाग्राम अकाउंट के संचालक के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। अब महिला स्नानार्थियों के अमर्यादित वीडियो अपलोड करने वाले अकाउंट को डिलीट करने की कार्रवाई की गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जिनके विरुद्ध अभियोग पंजीकृत है, उन सभी के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
भगदड़ का फर्जी वीडियो पोस्ट करने वाला बांदा से गिरफ्तार
उधर, मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ की घटना से जोड़कर फर्जी वीडियो वायरल करने के आरोपी बृजेश कुमार प्रजापति को बांदा से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद महाकुंभ के कोतवाली थाने में लिखापढ़ी करने के बाद निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया।
अभियुक्त बृजेश कुमार बांदा के थाना देहात कोतवाली के जारी गांव का निवासी है। उसे बांदा पुलिस के सहयोग गिरफ्तार करते हुए महाकुंभ के कोतवाली थाने में लाया गया। फिर अग्रिम विधिक कार्रवाई की गई। दो फरवरी को इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित किया गया था। इसमें एक ही परिवार के तीन-तीन लोगों की भगदड़ में जान जाने और पोस्टमार्टम हाउस से कंधे पर शवों को ले जाते हुए दिखाया गया। एंबुलेंस उपलब्ध करवाकर शवों को जन्मस्थल स्थल तक पहुंचाने में मदद की मांग की गई।
जांच में पता चला कि वीडियो नेपाल का है, जिसे महाकुंभ से जोड़कर दुष्प्रचार किया गया। भ्रामक वीडियो पोस्ट से उत्तर प्रदेश सरकार की छवि को धूमिल करने और जनमानस के मन में सरकार के प्रति विद्वेष फैलाने का प्रयास किया गया था। तब इंस्पेक्टर अनिल यादव की तहरीर पर कोतवाली थाने में फर्जी वीडियो पोस्ट करने के आरोपित अभिमन्यु सिंह जर्नलिस्ट, प्रियंका मौर्या, परिवर्तन न्यूज के रिपोर्टर आकाश सिंह भारत, अशफाक खान, सत्य प्रकाश नागर, बृजेश कुमार प्रजापति और रज्जन शाक्य को नामजद करते हुए आईटी एक्ट के तहत मुकदमा कायम किया गया था।
हालांकि, इसी मामले में अभी कई आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई होनी है। महाकुंभ की क्षेत्राधिकारी सोशल मीडिया तनु उपाध्याय का कहना है कि आईटी एक्ट के केस में सात साल से कम की सजा का प्रावधान होने के कारण आरोपित को मुचलके पर छोड़ा गया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।