महाकुंभ में अमेरिका की आबादी से दोगुने श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, पाक-रूस भी पीछे... बना विश्व रिकॉर्ड
Maha Kumbh Population | कुंभ मेले में 45 दिनों में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने का महारिकॉर्ड बना है। यह अपने आप में सबसे बड़ा इतिहास है। भारत और चीन की जनसंख्या ही इससे ज्यादा है। अब तक दुनिया में किसी भी धार्मिक सांस्कृतिक या अन्य आयोजनों में इतनी भीड़ नहीं जुटी है। कुंभ 2019 में 25 करोड़ श्रद्धालु आए थे।

ज्ञानेंद्र सिंह, महाकुंभनगर। पावन संगम की धर्म धरा पर सनातन आस्था के सबसे बड़े केंद्र महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं ने महारिकॉर्ड बना दिया है। यहां पर 45 दिनों में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचे, जो अपने आप में सबसे बड़ा इतिहास बन गया है।
भारत और चीन की जनसंख्या ही इससे ज्यादा है। अब तक दुनिया में किसी भी धार्मिक, सांस्कृतिक या अन्य आयोजनों में इतनी भीड़ नहीं जुटी है। उदाहरण के लिए सऊदी अरब में हर साल होने वाले हज में करीब 25 लाख मुस्लिम मक्का में एकत्रित होते हैं। दूसरी तरफ इराक में हर साल होने वाले अरबईन में दो दिन में 2 करोड़ से अधिक तीर्थयात्री जुटते हैं।
2019 में आए थे 25 करोड़ श्रद्धालु
कुंभ 2019 में 25 करोड़ श्रद्धालु आए थे। अबकी बार 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना थी। प्रयागराज में 45 दिन में जुटे श्रद्धालुओं की संख्या विश्व के 231 देशों की आबादी से ज्यादा है। सिर्फ भारत और चीन की आबादी ही प्रयागराज पहुंचे लोगों की संख्या से ज्यादा रही। जहां भारत की अनुमानित आबादी 145 करोड़ है, वहीं चीन की अनुमानित जनसंख्या 141 करोड़ है।
इसके बाद नंबर आता है अमेरिका का, जहां की आबादी 34 करोड़ है। यानी महाकुंभनगर में पहुंचे लोगों के मुकाबले सिर्फ आधी है। यही नहीं, महाकुंभ में अमेरिका की दोगुनी से ज्यादा, पाकिस्तान की ढाई गुना से अधिक और रूस की चार गुनी से ज्यादा आबादी के बराबर श्रद्धालु आ चुके हैं। जापान की पांच गुना आबादी, यूके की 10 गुना से ज्यादा आबादी और फ्रांस की 15 गुना से ज्यादा आबादी ने यहां आकर त्रिवेणी संगम में पावन डुबकी लगाई है।
गिनीज बुक में दर्ज होने जा रहे ये रिकॉर्ड
- 14 फरवरी को 300 से ज्यादा स्वच्छता कर्मियों ने नदी सफाई का चलाया अभियान।
- 24 फरवरी को 15 हजार स्वच्छता कर्मियों ने 10 किमी क्षेत्र में एक साथ सफाई का रिकार्ड बनाया।
- 25 फरवरी को गंगा पंडाल में 10 हजार से ज्यादा लोगों ने हैंड प्रिंट देकर बनाया विश्व रिकॉर्ड।
- 27 फरवरी की सुबह सोरांव क्षेत्र में हाईवे पर एक साथ 700 बसों के संचालन का रिकार्ड बनेगा।
मौनी अमावस्या पर थी दुनिया की सबसे अधिक आबादी
तीर्थराज में मौनी अमावस्या पर करीब 7.6 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई, जो कि एक दिन में किसी एक जगह पर लोगों के जुटान का रिकार्ड है। दरअसल, प्रयागराज की आबादी करीब 72 लाख है। यानी मौनी अमावस्या के दिन जिले में की आबादी करीब आठ करोड़ हो गई थी। जर्मनी की आबादी 8 करोड़ से ज्यादा है।
मौनी अमावास्या के दिन उसकी आबादी भी प्रयागराज पहुंची भीड़ से कम रही। इसके अलावा यूरोप के सभी देशों की आबादी मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के लिए जुटी भीड़ से कम थी। जहां ब्रिटेन की आबादी 6 करोड़ 91 लाख है, तो वहीं फ्रांस की जनसंख्या 6.65 करोड़ ही है।
इतना ही नहीं, अमेरिका के 54 देशों में से सिर्फ तीन देशों की आबादी ही मौनी अमावस्या पर प्रयागराज से ज्यादा रही। इनमें अमेरिका, ब्राजील और मैक्सिको शामिल हैं, जबकि कोलंबिया, अर्जेंटीना, कनाडा से लेकर उरुग्वे तक महाकुंभ में प्रयागराज में मौनी अमावस्या पर लोगों की मौजूदगी से कम रहे।
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