सबसे खराब प्रगति वाली ग्राम पंचायतें रडार पर
जिले भर की सभी ग्राम पंचायतों में हर साल करोड़ों रुपये का बजट गांव के विकास के नाम पर मिलता है। इसमें इंटरलॉकिग नाली नाला निर्माण कुएं व हैंडपंप की मरम्मत सहित अन्य कार्य केंद्रीय वित्त व राच्य वित्त मद से कराया जाता है। ग्राम पंचायतों में सरकारी पैसे का गड़बड़झाला किए जाने की शिकायत दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। एक दिन में ही पंचायतीराज विभाग में दर्जनों शिकायतें आ रही हैं। ऐसे में डीपीआरओ ने सभी शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए जांच करने के लिए टीम गठित की है।

-शौचालय निर्माण में किया है गड़बड़झाला
-जांच करने के बाद रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई
फोटो : 08 पीआरटी 05
संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : जिले भर की सभी ग्राम पंचायतों में हर साल करोड़ों रुपये का बजट गांव के विकास के नाम पर मिलता है। इसमें इंटरलॉकिग, नाली, नाला निर्माण, कुएं व हैंडपंप की मरम्मत सहित अन्य कार्य केंद्रीय वित्त व राच्य वित्त मद से कराया जाता है। ग्राम पंचायतों में सरकारी पैसे का गड़बड़झाला किए जाने की शिकायत दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। एक दिन में ही पंचायतीराज विभाग में दर्जनों शिकायतें आ रही हैं। ऐसे में डीपीआरओ ने सभी शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए जांच करने के लिए टीम गठित की है। इसमें एडीपीआरओ व एडीओ पंचायत स्तर से जांच होना है। कुछ गांवों में जिला स्तरीय अफसर जांच करने जा सकते हैं।
जिले भर में 17 ब्लाक हैं। इसमें मंगरौरा, पट्टी, बिहार, बाबागंज, गौरा, शिवगढ़, आसपुर देवसरा, संडवा चंद्रिका, लक्ष्मणपुर, लालगंज, मानधाता सहित अन्य ब्लाक शामिल हैं। ग्राम पंचायतों में विकास कार्यो की मनमानी की शिकायत सामने आई है, जिसमें शौचालय निर्माण में अनियमितता, हैंडपंप मरम्मत, बाउंड्री निर्माण सहित अन्य कार्यों में गड़बड़झाला किए जाने की शिकायत हुई है। खासकर सबसे अधिक मनमानी शौचालय निर्माण में हुआ है। सख्ती के बाद भी शौचालय निर्माण का कार्य पूरा नहीं हुआ। डीपीआरओ रविशंकर द्विवेदी ने बताया कि सबसे खराब प्रगति वाली दर्जनों ग्राम पंचायतों में जांच की प्रकिया जल्द ही शुरू होगी। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी। गौरतलब है जांच शुरू होने से कई गांवों के प्रधानों व सचिवों में खलबली मच गई है। लोग तरह-तरह के हथकंडे भी अपनाने शुरू कर दिए हैं।

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