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    अब तक का सबसे ज्यादा निराशाजनक बजट : प्रमोद तिवारी

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 01 Feb 2021 11:00 PM (IST)

    सीडब्लूसी के सदस्य तथा आउटरीच कोऑर्डिनेशन कमेटी के प्रभारी प्रमोद तिवारी ने केंद्रीय बजट को अत्यंत निराशाजनक बजट करार दिया है। बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा भारतीय जीवन बीमा में 74 प्रतिशत के विदेशी विनिवेश की मंजूरी दिया जाना घातक है। केंद्रीय बजट की खामियां गिनाते हुए उन्होंने कहा कि किसानों का कर्ज न माफ करना टैक्स के स्लैब को न बढ़ाना न्याय योजना अंतर्गत आम आदमी को साढ़े सात हजार न देने से क्रय शक्ति घटेगी। इससे मांग कम होगी और उत्पादन घटेगा।

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    अब तक का सबसे ज्यादा निराशाजनक बजट : प्रमोद तिवारी

    संसू, लालगंज : सीडब्लूसी के सदस्य तथा आउटरीच कोऑर्डिनेशन कमेटी के प्रभारी प्रमोद तिवारी ने केंद्रीय बजट को अत्यंत निराशाजनक बजट करार दिया है। बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा भारतीय जीवन बीमा में 74 प्रतिशत के विदेशी विनिवेश की मंजूरी दिया जाना घातक है। केंद्रीय बजट की खामियां गिनाते हुए उन्होंने कहा कि किसानों का कर्ज न माफ करना, टैक्स के स्लैब को न बढ़ाना, न्याय योजना अंतर्गत आम आदमी को साढ़े सात हजार न देने से क्रय शक्ति घटेगी। इससे मांग कम होगी, और उत्पादन घटेगा। ऐसे में रोजगार स्वत: कम होगा। उन्होंने सरकार की मंशा पर तंज कसते हुए कहा कि मोदी जी, कहा करते थे कि ''देश नहीं बिकने दूंगा' और आज उन्होंने इसके ठीक विपरीत देश की सबसे बड़ी विश्वसनीय संस्था में विदेशी विनिवेश की मंजूरी दे दी है। वहीं सरकार के द्वारा वित्तीय वर्ष में सौ सैनिक स्कूलों की स्थापना में भी निजी भागीदारी दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि इन स्कूलों में सरकार की प्राथमिकता उन एनजीओ को है, जिन्हें ऐसे संगठनों को चलाने का अनुभव तक नहीं है। सरकार का यह अविवेकपूर्ण निर्णय भारतीय सेना की नर्सरी के लिये खतरे से भरा कदम है। रेलकर्मियों ने धरना देकर किया बजट का विरोध

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    जासं, प्रतापगढ़ :रेलवे स्टेशन पर रेल कर्मियों ने सोमवार को केंद्र सरकार के बजट का खुलकर विरोध किया। रेलवे मेंस यूनियन द्वारा इसे ध्यानाकर्षण दिवस के रूप में मनाया गया। इस मौके पर मेंस यूनियन के शाखा अध्यक्ष शफीक अहमद ने कहा कि बजट कर्मचारी विरोधी है। सचिव अनिल शुक्ला ने कहा कि आत्मनिर्भर की बात झुनझुना साबित हो रही है। धरने में फ्रिज डीए और एनसीपी को बहाल करने की मांग की गई। इस मौके पर मोहम्मद अनीश, मनीष पांडेय और बबिता पांडेय समेत कई कर्मचारी और नेता प्रदर्शन का हिस्सा बने। उधर, उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन ने भी ध्यानाकर्षण दिवस मनाया। इसमें शाखा मंत्री धर्मेंद्र दुबे ने कहा कि डीए और एनपीएस को तत्काल बहाल किया जाए। कॉविड 19 वायरस के संक्रमण में जिन लोगों की मृत्यु हुई है उनको तत्काल मुआवजा दिया जाए।संचालन मोहम्मद अफजल खान उपाध्यक्ष ने किया। प्रदर्शन में प्रदीप कुमार शर्मा ,जी पी पांडे, श्रीकांत त्रिपाठी ,रहमतुल्ला, मोहम्मद रईस ,मोहम्मद यासिर आदि कर्मचारियों ने भाग लिया।

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