युवाओं के सर्वांगीण विकास में निहित है राष्ट्र का भविष्य
भारत एक बड़ा लोकतांत्रिक देश है। किसी भी देश का विकास उस देश के युवाओं पर ही हमेशा स

भारत एक बड़ा लोकतांत्रिक देश है। किसी भी देश का विकास उस देश के युवाओं पर ही हमेशा से निर्भर करता रहा है। हम यह कह सकते हैं कि युवा ही राष्ट्र का संरचनात्मक और कार्यात्मक ढांचा है। प्रत्येक राष्ट्र की तरक्की का आधार उसकी युवा पीढ़ी होती है, जिसकी उपलब्धियों से उस राष्ट्र का विकास होता है। राष्ट्र का भविष्य युवाओं के सर्वांगीण विकास में निहित है। ऐसा इसलिए कि युवा ही राष्ट्र निर्माण में सर्वोच्च भूमिका का निर्माण करते हैं। युवाओं में समाज का वह क्षेत्र शामिल होता है, जो अभी तक विकास को परिलक्षित करता है और एक राष्ट्र के लिए भाग्य का निर्माता होता है। वह बचपन से वयस्क बनने तक के बीच का चरण होता है। प्रत्येक व्यक्ति जीवन के इन्हीं रास्तों से होकर गुजरता है। यदि वक्त का सही उपयोग किया जाए तो यह चरण वास्तव में महत्वपूर्ण परिणाम देने वाला होता है। जो कुछ नया कर गुजरने की इच्छा से भरा होता है। किसी देश में रहने वाले लोग उस देश के विकास और प्रगति के लिए स्वयं उत्तरदायी होते हैं। किसी भी देश में कुल जनसंख्या का लगभग 20 से 30 प्रतिशत भागीदारी युवाओं की होती है। मेरा मानना है कि युवाओं को एक सकारात्मक दिशा में कार्य करने के लिए प्रशिक्षित करना आवश्यक है। इसके लिए युवाओं के प्रशिक्षण तथा विकास पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। युवाओं को उचित शिक्षा तथा उनके कौशल विकास की आवश्यकता है, जिससे कि वे सशक्त और समृद्ध हो सकें। युवाओं में कार्य करने की अपार क्षमता होती है और प्रत्येक युवा उत्साह से भरा होता है। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर वह हमेशा अग्रसर होता है। जिस प्रकार से किसी इंजन को चलाने के लिए ईंधन की आवश्यकता होती है, ठीक उसी प्रकार किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए युवाओं की आवश्यकता होती है। राष्ट्र का सर्वांगीण विकास और भविष्य वहां रहने वाले नागरिकों की शक्ति और क्षमता पर निर्भर होता है। इसमें प्रमुख रूप से योगदान उस राष्ट्र के युवाओं का होता है। किसी भी राष्ट्र को प्रौद्योगिकी, शोध, विज्ञान, चिकित्सा,शिक्षा तथा सामाजिक,आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक विकास के लिए उत्तरदायी माना जाता है। जब युवा अपने प्रयासों के साथ अपनी पूर्ण क्षमता के साथ यही काम करता है तो उसकी गणना की जाती है। भारत में युवाओं की सबसे बड़ी संख्या है, जिन्हें यदि सही दिशा में प्रशिक्षित किया जाए और वे अपना योगदान सही दिशा में दें तो भारत देश संपूर्ण विश्व में सबसे उच्च कोटि का बन जाएगा। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में जाएं तो यह पता चलता है कि हमारे राष्ट्र के लिए कई परिवर्तन, विकास, समृद्धि और सम्मान दिलाने में युवाओं की भागीदारी और सक्रियता उच्च कोटि रही है। समाज में व्याप्त कई समस्याओं पर कार्य करके युवा दूसरों के लिए एक आदर्श बन सकते हैं। युवावस्था जीवन की वह अवधि है,जो शक्ति और क्षमता के साथ आगे बढ़ती है। किसी भी समस्या का समाधान युवा सकारात्मकता से हल करना जानता है। इस प्रकार यह स्पष्ट है कि किसी भी देश के युवा वह उस देश का भविष्य होते हैं तथा उस देश की प्रगति और विकास में उनकी प्रमुख भूमिका होती है।
-डॉ.विध्याचल सिंह, प्रधानाचार्य राजकीय बालिका इंटर कालेज बरहदा, प्रतापगढ़
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