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    Pratapgarh News : गांव के विकास फंड को दो बार किया गया भुगतान, जांच में मिला गबन, आरोपित सचिव पर नहीं हुई कार्रवाई

    प्रतापगढ़ के पिपरी खालसा में ग्राम निधि के गबन का मामला सामने आया है। सचिव पर आरोप है कि उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र और शौचालय के नाम पर दो बार भुगतान किया जिससे सरकारी धन का गबन हुआ। जांच में आरोप साबित होने के बाद भी सचिव वीरेंद्र सरोज और प्रधान पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

    By praveen yadav Edited By: Brijesh Srivastava Updated: Mon, 18 Aug 2025 12:49 PM (IST)
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    प्रतापगढ़ के बाबा बेलखरनाथ धाम के पिपरी खालसा में सचिव पर गबन का आरोप है।

    संवाद सूत्र, जागरण, प्रतापगढ़। योगी आदित्यनाथ की सरकार प्रदेश में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठा रही है। पारदर्शिता के लिहाज अब गांवों के विकास कार्यों में होने वाला भुगतान चेक के बजाय डोंगल से किया जा रहा है। इसके बाद भी सचिव ग्राम निधि का गबन करने में चूक नहीं रहे हैं। ऐसा ही एक मामला प्रतापगढ़ जनपद में सामने आया है। जांच में आरोप साबित हुआ, लेकिन अभी तक उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई नहीं की गई। इससे अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहा है।

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    ग्राम पंचायतों का विकास ग्राम निधि से होता है। विकास के नाम पर सचिव और प्रधान सरकारी धन को हजम कर ले रहे हैं। ऐसा ही मामला बाबा बेलखरनाथ धाम ब्लाक के पिपरी खालसा में सामने आया है। गांव के आंगनबाड़ी केंद्र और सामुदायिक शौचालय के नाम पर दिसंबर 2020 में भुगतान हुआ था। प्रशासक नियुक्त होने पर मई 2021 में दोबारा एक लाख 16 हजार रुपये भुगतान किया गया।

    दोबारा भुगतान होने की शिकायत पर जांच शुरू हो गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी ज्योति शाक्य को जांच अधिकारी बनाया गया।सत्यापन में गबन का मामला सामने आया। इसकी रिपोर्ट तैयार कर जिला पंचायत राज अधिकारी को भेज दी गई, लेकिन अभी तक आरोपित सचिव वीरेंद्र सरोज और प्रधान पर कार्रवाई नहीं हुई।

    नहीं उपलब्ध कराया था अभिलेख

    जब टीम जांच करने गांव पहुंची तो इसकी सूचना कुछ दिन पहले ही सचिव और प्रधान को दी गई थी। इसके बावजूद इन लोगों ने टीम को अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया। इसके बाद टीम ने जिला मुख्यालय से बात करके मिली रिपोर्ट के आधार पर जांच की।

    क्या कहती हैं जांच अधिकारी

    जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं जांच अधिकारी ज्योति शाक्य का कहना है कि ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के नाम पर एक ही कार्य का दो बार भुगतान सचिव और प्रधान ने किया है। यह पूरी तरह से गबन है। जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जा चुकी है।