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    Pratapgarh News: नर्सिंग होम में काम करने वाली युवती की मौत पर हंगामा, पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो हुआ पथराव

    Updated: Fri, 28 Mar 2025 08:49 PM (IST)

    प्रतापगढ़ में एक नर्सिंग होम में काम कर रही युवती की गुरुवार रात संदिग्ध दशा में मौत हो गई। उसके शव को अस्पताल के कर्मचारी रात में उसके घर ले गए और तबीयत खराब होने से मौत बताकर भाग निकले। इस घटना से आक्रोशित लोगों और युवती के परिजनों ने शुक्रवार को अस्पताल के सामने प्रदर्शन किया और पुलिस पर पथराव किया जिसमें कई लोग घायल हो गए।

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    दुर्गागंज बाजार में शुक्रवार को घटना के विरोध में सड़क पर निकलकर प्रदर्शन करते लोग: जागरण

    जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़। नर्सिंग होम में काम कर रही युवती की गुरुवार रात करीब नौ बजे संदिग्ध दशा में मौत हो गई। वहां के कर्मचारी उसके शव को रात करीब 11 बजे उसके घर ले गए व तबीयत खराब होने से मौत बताकर भाग निकले। 

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    अचानक बेटी की मौत व शव को इस तरह छोड़कर भाग जाने पर परिजन आक्रोशित हो गए। शुक्रवार को मां मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के सामने दुर्गागंज बाजार रानीगंज में बवाल शुरू हो गया। 

    सुबह 10 बजे के बाद तक हंगामा

    पुलिस के बल प्रयोग करने पर भीड़ ने पथराव कर दिया। इसमें सीओ रानीगंज समेत कुछ सिपाहियों व पत्रकारों काे चाेट लगी। सुबह 10 बजे के बाद तक हंगामा होता रहा। एसपी डॉ. अनिल कुमार, एएसपी पूर्वी दुर्गेश कुमार सिंह मौके पर हैं। पांच थानों की पुलिस लगी है। विधायक रानीगंज डॉ. आरके वर्मा भी पहुंचे।

    घटना से आक्रोशित लोग व युवती के परिजन व भारी संख्या में लोग जुलूस की शक्ल में पुलिस के खिलाफ नारे लगाते हुए नर्सिंग होम के सामने शुक्रवार सुबह करीब आठ बजे शव लेकर पहुंचे। 

    सड़क पर शव रखकर वहीं धरने पर बैठ गए व आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। करीब नौ बजे पहुंची पुलिस पुलिस ने भीड़ हटाना चाहा तो लोग उससे हाथापाई करने लगे। मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। 

    इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस पर लोग और उग्र हो गए व पुलिस पर पत्थर चलाने लगे। इस पथराव में सीओ रानीगंज विनय प्रभाकर साहनी समेत करीब छह लोगों को चोट लगी। पुलिस की लाठी से भी तीन-चार लोग घायल हो गए, जिनमें दो लोकल पत्रकार भी शामिल हैं।

    युवती चार-पांच साल से नर्सिंग होम में काम करती थी। उसका घर बांसी गांव में है, जिसकी दूरी करीब तीन किमी है। वह कभी साइकिल से तो कभी ऑटो से आती-जाती थी। गुरुवार को उसकी नाइट ड्यूटी थी तो शाम पांच बजे घर से निकली। बाद में अस्पताल में उसकी रहस्यमय दशा में मौत हो गई। 

    एएसपी दुर्गेश कुमार सिंह का कहना है कि परिजनों को समझाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। तथ्यों के आधार पर आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल व बाजार के सीसीटीवी फुटेज को देखा जा रहा है।

    महिला कर्मी की मौत के बाद बवाल के चलते दुर्गागंज बाजार के लोग करीब तीन घंटे तक अनहोनी की आशंका में दहशत में रहे। जैसे ही शव रखकर नारेबाजी शुरू हुई व पुलिस ने मोर्चा संभाला, दुकानें बंद होने लगीं। 

    लोगों को लगा कि अब बवाल बढ़ने वाला है। इसके बाद वहां के लोग अपने घरों में चले गए व बाहरी लोग पुलिस के दौड़ाने पर गिरते-पड़ते रहे। बाजार में हंगामा होने पर पुलिस ने कई बार संभाला, लेकिन बात बढ़ती ही जा रही थी। दुर्गागंज सिंगाही मोड़ पर जाम लग गया था। 

    परिजनों को गुमराह करने पर भड़का गुस्सा

    दुर्गागंज बाजार में स्थित निजी अस्पताल की महिला कर्मी की मौत के मामले में परिजनों का गुस्सा अस्पताल वालों पर अधिक रहा। उनका कहना था कि उन लोगों ने मामले को छिपाकर दूसरा रूप देने का प्रयास किया। इस घटना ने निजी अस्पतालों में महिला कर्मचारियों की सुरक्षा की पोल खोल दी है। 

    घर वाले रानीगंज पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं कि अगर रात में ही रानीगंज पुलिस ने अस्पताल संचालक के व कर्मियों पर घटना को लेकर सख्त रवैया अपनाया होता तो शायद सुबह यह नौबत न आती। 

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