Pratapgarh News: खपत बढ़ी तो 'दगने' लगे ट्रांसफॉर्मर, प्रतिदिन फुंक रहे एक दर्जन… जून में बढ़ी डिमांड
प्रतापगढ़ में गर्मी के कारण बिजली की खपत बढ़ गई है जिससे बिजली व्यवस्था चरमरा गई है। ट्रांसफॉर्मर फटने और मरम्मत में देरी के कारण लोगों को भारी परेशानी हो रही है। रोस्टर के अनुसार बिजली न मिलने और अंधाधुंध कटौती से लोग रतजगा करने को मजबूर हैं। बिजली विभाग का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है और ऑनलाइन शिकायत के बाद ट्रांसफॉर्मर की व्यवस्था कराई जा रही है।

जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़। जून माह की प्रचंड गर्मी में बिजली की खपत बढ़ गई है। शहर से लेकर गांव तक बिजली व्यवस्था चरमराई गई है। फीडर जलने, ब्रेकडाउन के साथ अब ट्रांसफॉर्मर फटने लगे हैं। आग की लपटें उठ रही हैं। इससे बिजली की सप्लाई ठप करनी पड़ रही है। इससे उपभोक्ताओं की मुश्किलें बढ़ गई है। इसे लेकर लोगों में गहरी नाराजगी हैं।
शहर में 24 घंटे व गांव में रोस्टर 18 घंटे का है, जबकि नगर पंचायत में 21 घंटे का, लेकिन रोस्टर के मुताबिक, बिजली नहीं मिल पा रही है। बढ़ते तापमान से खपत भी बढ़ गई है। ट्रांसफॉर्मर जलने लगे हैं।
ट्रांसफॉर्मर जलने से सबसे ज्यादा दिक्कत रात में हो रही है। रात भर लोगों को बिना बिजली के रहना पड़ रहा है। ट्रांसफॉर्मर की मरम्मत सही ढंग से न होने की वजह से उनमें विकराल आग लग रही है।
वर्कशॉप में अप्रैल व मई माह में प्रतिदिन छह से आठ ट्रांसफॉर्मर मरम्मत के लिए आते थे। अब यह आंकड़े बढ़े हैं। वर्कशॉप में अब प्रतिदिन 12 से 14 ट्रांसफॉर्मर की डिमांड हो गई है।
यह आंकड़ा चिलबिला और लालगंज दोनों वर्कशॉप का है, जबकि गर्मी से पहले ट्रांसफॉर्मर की क्षमता वृद्धि के भी प्लान बने थे। क्षमता वृद्धि का भी कार्य हुआ था, लेकिन खपत बढ़ते ही उनके अभियान की हवा निकल गई है।
वहीं, दिन और रात अंधाधुंध कटौती हो रही है। लोग रतजगा करने को मजबूर हैं। इसी में रात में मच्छरों का डंक भी दर्द दे रहा है। इसे लेकर उपभोक्ताओं में गहरी नाराजगी है।
चिलबिला वर्कशॉप के एसडीओ चंदन कुमार ने बताया कि जून माह में ट्रांसफॉर्मर की डिमांड बढ़ी है। फिलहाल अभी स्थिति नियंत्रण में है। ऑनलाइन शिकायत के बाद निर्धारित अवधि में ट्रांसफॉर्मर की व्यवस्था कराई जा रही है।
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