Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Pratapgarh News : भाई-बहन का शव दफन, मां की बिगड़ी हालत, हादसे में दो बच्चों को खोने वाला परिवार सदमे में

    Updated: Thu, 03 Jul 2025 04:03 PM (IST)

    प्रतापगढ़ के करनपुर खास की घटना में 16 वर्षीय निखिल और उसकी 13 वर्षीय बहन शिखा की एक स्कूली बस से टक्कर में मौत हो गई। इस घटना से परिवार सदमे में है। बच्चों की मां को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। दोनों बच्चों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।

    Hero Image
    प्रतापगढ़ में स्कूली बस की टक्कर से दो बच्चों की मौत के बाद गमजदा स्वजन। जागरण

    जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़। दो बच्चों को खोने वाला परिवार सदमे में है। बच्चों की मां की हालत ऐसी बिगड़ी कि अस्पताल ले जाना पड़ा। दोनों बच्चों का शव दफन कर दिया गया। घर पर नात-रिश्तेदारों का आना जारी है।

    निखिल व उसकी बहन शिखा की हुई थी मौत 

    स्कूली बस की टक्कर से करनपुर खास सिविल लाइन के 16 साल के निखिल व उसकी 13 साल की बहन शिखा की मौत बुधवार को हो गई थी। सुखपाल नगर में दोनों बस की चपेट में आ गए थे। बस चालक पर केस दर्ज करके पुलिस हादसे की जांच कर रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    घर में छाया मातम

    भाई-बहन की मौत ने पूरे परिवार को शोक सागर में डाल दिया है। करनपुर में मनोज के घर में मातम छाया है। रिश्तेदार उनको सांत्वना दे रहे हैं। दोनों के शव काे पोस्टमार्टम से लाया गया तो मां अनीता समेत स्वजन की चीत्कार ने हर किसी को द्रवित कर दिया।

    कांपते हाथों से दी गई अंतिम विदाई 

    शवों का अंतिम संस्कार बुधवार देर शाम सई के किनारे गाय घाट पर कर दिया गया। कांपते हाथों से परिवार के लोगों ने उनको दफनाया। भाई बहन की अर्थी साथ में देख हर किसी का कलेजा कांप गया। बेटी शिखा घर की दुलारी थी। बेटा भी घर का सहारा बनने वाला था, लेकिन सब बिखर गया।

    मां की हालत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती 

    बच्चों के गम में उनकी मां अनीता देवी की हालत देर रात बिगड़ गई। वह बार-बार बेहोश होने लगी। दाना-पानी उसने कल से ही छोड़ दिया है। उसकी बिगड़ती हालत को देख स्वजन राजा प्रताप बहादुर अस्पताल में भर्ती कराए। उपचार चल रहा है। घर पर निखिल के भाई अंशू समेत उसके दोस्त व शिखा की सहेलियां गमगीन हैं। वह गुमशुम हैं। कोई खेल नहीं रहा और स्कूल नहीं जा रहा।

    हादसे से सबक लेने की जरूरत

    देखा जाए तो इस दर्दनाक हादसे ने अन्य लोगो को सबक दिया है कि बच्चों पर नजर रखने की जरूरत है। उनको किशोरावस्था मेंं बाइक न दें। उनको समझाएं कि गाड़ी चलाना उनके लिए खतरनाक हो सकता है। दोनों बच्चे सड़क पर बाइक सीखने के दौरान मौत के मुंह में समा गए। अब घर के लोग पछता रहे हैं। कभी वह खुद को कोसते हैं तो कभी अपनी बदकिस्मती को। उनकी आंखों से बहते आंसू रुक नहीं रहे। पड़ोसियों के यहां भी चूल्हा नहीं जला। लोग दुख को साझा कर रहे हैं।