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    Pratapgarh Amla Business : अमेरिकी टैरिफ से प्रतापगढ़ के अमृत फल उद्योग पर संकट, उद्यमियों की बढ़ी चिंता

    प्रतापगढ़ में आंवला उद्योग अमेरिकी टैरिफ के चलते संकट में है जिससे निर्यात 20 प्रतिशत तक गिर गया है। उद्यमियों को डर है कि कामगारों का रोजगार छिन जाएगा और उनकी आय कम हो जाएगी। जनपद में 7083 हेक्टेयर पर आंवला उत्पादन होता है और 200 से अधिक इकाइयां हैं। उद्यमी टैरिफ वापस लेने तक अमेरिका को निर्यात रोकने की योजना बना रहे हैं।

    By praveen yadav Edited By: Brijesh Srivastava Updated: Mon, 25 Aug 2025 08:03 PM (IST)
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    प्रतापगढ़ में आंवले  का मुरब्बा तैयार करतीं महिला कामगार। जागरण

    संवाद सूत्र, जागरण, प्रतापगढ़। आंवले से जनपद की पहचान है। यहां के आंवले का उत्पाद देश-विदेश तक जाता है। टैरिफ व्यवस्था लागू होने से अमेरिका में आंवले के उत्पाद के निर्यात को 20 प्रतिशत तक का झटका लगा है। इसे लेकर आंवला उद्यमी चिंतित हैं। इससे जहां कारोबार पर असर पड़ रहा है, वहीं उत्पाद तैयार करने कामगारों का रोजगार भी छिनेगा। इसे लेकर उद्यमी मंथन भी कर रहे हैं।

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    जनपद में लगभग सात हजार 83 हेक्टेअर आंवले का उत्पादन होता है। छोड़ी-बड़ी मिलाकर 200 से अधिक इकाइयां हैं। यहां पर आंवले की बर्फी, लड्डू, कैंडी, चटनी, अचार, टाफी, मुरब्बा आदि तैयार होता होता है। 25 से 30 करोड़ का उत्पाद निर्यात होता है। टैरिफ व्यवस्था लागू होने से अमेरिका में आंवले के उत्पाद के निर्यात में लगभग 20 प्रतिशत की कमी आई है। ऐसे ही रहा तो श्रमिकों को भी कम करना पड़ेगा। आंवले का उत्पाद तैयार करने वाले कई मजदूरों का रोजगार भी छिन जाएगा। आमदनी पर भी असर पड़ना तय है। इसे लेकर आंवला उद्यमी परेशान हैं।

    इन राज्यों को भी भाया अमृत फल

    आंवले के उत्पाद की अमेरिका, कनाडा, तंजानिया, सऊदी अरब, श्रीलंका, बैंकाक समेत दर्जन भर देशों में खूब मांग है। वहीं, उत्पाद देश के कई राज्यों में जैसे केरल, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, बिहार, कोलकाता में भी खपत होती है।

    इन आंकड़ों पर ध्यान दें 

    -3,316 किसानों के पास आंवले की बाग

    -45 करोड़ का होता है सालाना टर्न ओवर

    -700 से 1100 मजदूर तोड़ते हैं पेड़ से आंवला

    -19,00 से 3,269 कामगार यूनिट में करते हैं काम

    -257 लाभार्थियों को मिला ओडी-ओपी योजना का लाभ

    क्या कहते हैं उद्यमी 

    ट्रंप सरकार के तुगलकी फरमान से आंवला उद्यमियों में खासा आक्रोश है। एसोसिएशन ने यह निर्णय लिया है कि मनमाने टैरिफ को वापस लेने तक उद्यमी आंवले के उत्पाद अमेरिका को निर्यात नहीं करेंगे।

    -अनुराग खंडेलवाल, सचिव (चैंबर आफ इंडस्ट्रीज)

    आर्थिक विकास में मंदी आने से रोजगार के अवसर कम हो सकते हैं। टैरिफ के जवाब में अन्य देश भी जवाबी टैरिफ लगा सकते हैं, जिससे व्यापार युद्ध छिड़ सकता है और वैश्विक प्रोडक्ट की डिमांड में कमी आएगी। इसका प्रभाव वर्करों पर भी पड़ेगा।

    -अभिषेक सिंह, गोंडे

    आंवले के उत्पादों की मांग विदेशों में भी अच्छी खासी है। एजेंट के माध्यम से इसे भेजा जाता है। टैरिफ से काफी नुकसान होगा। ऐसे में हम लोग भी उत्पाद का निर्यात नहीं करेंगे। अमेरिका को अपना निर्णय वापस लेना होगा।

    -सौमित्र सिंह, गोंडे