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अब फ‌र्स्ट इयर में सर्टिफिकेट, सेकेंड में डिप्लोमा, थर्ड में लें डिग्री

नई शिक्षा नीति में स्नातक की कक्षाओं में भी बदलाव हुआ है। पहले तीन साल तक बीए करने के बाद डिग्री मिलती थी। अब स्नातक कक्षाओं में फ‌र्स्ट इयर में सर्टिफिकेट सेकेंड में डिप्लोमा और थर्ड इयर में डिग्री दी जाएगी। एक सुविधा छात्र-छात्राओं को और मिलेगी। जरूरी नहीं होगा कि वे एक ही विश्वविद्यालय से पढ़ाई करें। पूर्व में जहां बीए प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया जाता था तो तीन साल तक वहीं पढ़ना पड़ता था। अब कोई भी छात्र बीए प्रथम वर्ष करने के बाद दूसरे व तीसरे साल की पढ़ाई किसी दूसरे विवि से भी कर सकता है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 10:59 PM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 10:59 PM (IST)
अब फ‌र्स्ट इयर में सर्टिफिकेट, सेकेंड में डिप्लोमा, थर्ड में लें डिग्री
अब फ‌र्स्ट इयर में सर्टिफिकेट, सेकेंड में डिप्लोमा, थर्ड में लें डिग्री

संसू, प्रतापगढ़ : नई शिक्षा नीति में स्नातक की कक्षाओं में भी बदलाव हुआ है। पहले तीन साल तक बीए करने के बाद डिग्री मिलती थी। अब स्नातक कक्षाओं में फ‌र्स्ट इयर में सर्टिफिकेट, सेकेंड में डिप्लोमा और थर्ड इयर में डिग्री दी जाएगी। एक सुविधा छात्र-छात्राओं को और मिलेगी। जरूरी नहीं होगा कि वे एक ही विश्वविद्यालय से पढ़ाई करें। पूर्व में जहां बीए प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया जाता था तो तीन साल तक वहीं पढ़ना पड़ता था। अब कोई भी छात्र बीए प्रथम वर्ष करने के बाद दूसरे व तीसरे साल की पढ़ाई किसी दूसरे विवि से भी कर सकता है।

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उच्च शिक्षा में नई शिक्षा नीति वर्ष 2021-22 से ही लागू होगी। इस आशय का पत्र उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग ने जारी कर दिया है। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत स्नातक पाठ्यक्रमों के पैटर्न में व्यापक परिवर्तन किये गए हैं। अब छात्र-छात्राओं की एक या दो वर्ष की पढ़ाई आगे की पढ़ाई छोड़ने पर व्यर्थ नहीं जाएगी। छात्र- छात्राओं को एक वर्ष की पढ़ाई करने पर सर्टिफिकेट, दो वर्ष पूरा करने पर डिप्लोमा तथा तीन वर्ष पूरा करने पर स्नातक की डिग्री मिलेगी। वहीं एमए प्रथम वर्ष पूरा करने पर स्नातक (शोध सहित) की डिग्री तथा पांच वर्ष पूरा करने पर स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त होगी। इससे अब छात्र- छात्राओं की अधूरी पढ़ाई व्यर्थ नहीं जाएगी। तीन विषय वाले सभी त्रिवर्षीय पाठ्यक्रम बीए, बीकाम, बीएससी में सीबीसीएस (शिक्षा च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम) आधारित नवीन पाठ्यक्रम शैक्षणिक सत्र 2021- 22 से लागू होंगे। स्नातक (शोध सहित) एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों/कार्यक्रमों में सीबीसीएस आधारित नवीन पाठ्यक्रम शैक्षणिक सत्र 2022- 23 से लागू होंगे। नए पैटर्न के अनुसार विद्यार्थी प्रवेश के समय अपने संकाय से दो मुख्य विषयों का चुनाव करेगा और तीसरा मुख्य विषय अपने संकाय से अथवा किसी भी संकाय से चयनित कर सकता है। विद्यार्थी द्वितीय, तृतीय वर्ष में मुख्य विषय बदल सकता है। अथवा उनके क्रम में परिवर्तन कर सकता है, परंतु वह एक वर्ष के बाद ही विषय परिवर्तित कर सकता है। एक सेमेस्टर के बाद नहीं। स्नातक स्तर के प्रत्येक विद्यार्थी को प्रथम दो वर्षों के प्रत्येक सेमेस्टर में तीन क्रेडिट का एक कौशल विकास कोर्स करना होगा। परीक्षा देने के लिए पूर्व नियमानुसार 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होगी।

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फोटो- 16 पीआरटी- 2

एक साल का कोर्स करने पर सर्टिफिकेट , दूसरे साल डिप्लोमा व तीन साल की पढ़ाई पर डिग्री देने का प्राविधान नई शिक्षा नीति में किया गया है। नई शिक्षा नीति इसी सत्र से लागू होगी।

-डा. एके श्रीवास्तव, प्राचार्य एमडीपीजी कालेज

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फोटो- 16 पीआरटी- 3

नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों के लिए काफी उपयोगी होगी। इससे छात्र-छात्राओं की अधूरी या छूटी पढ़ाई व्यर्थ नहीं जाएगी। विद्यार्थियों में बहुआयामी प्रतिभा का विकास होगा। शासन द्वारा सत्र 2021-22 से सी बी सी एस आधारित नवीन पाठ्यक्रम लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।

-डा. सीएन पांडेय, शिक्षाविद

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