Pratapgarh News : उफ ये हैवानियत...! घृणित और विकृत मानसिकता, पड़ोसी व स्कूल वाहनों के चालकों से भी बच्चियों को खतरा
प्रतापगढ़ में बच्चियों से बढ़ती दुष्कर्म की घटना पर मनोविज्ञानी डा. राम किशोर मिश्र का तर्क भी देखें। वह कहते हैं कि मोबाइल और इंटरनेट मीडिया पर गंदे वीडियो देखकर भी सोच बिगड़ रही है। किशोर व युवा यौन अपराध के दलदल में फंस जाते हैं। एसपी डा. अनिल कुमार कहते हैं कि स्कूल संचालकों को कहा गया है कि वह अपने स्टाफ की गतिविधियों पर नजर रखें।

जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़। पड़ोसी मददगार होते हैं। किसी मुसीबत में परिवार से भी पहले पहुंचते हैं। स्कूल वाहन चलाने वाले तो बच्चों का ख्याल रखते हैं, लेकिन अब समाज की सोच का लगातार पतन हो रहा है। वहशियों की गंदी और विकृत मानसिकता ने हर मासूम को खतरे में डाल दिया है। पहले कुंडा अब लालगंज में तीन-चार साल की बच्ची से हैवानियत केवल एक घटना नहीं, ज्वलंत सवाल भी है।
उदयपुर में साढ़े तीन साल की मासूम बच्ची से हैवानियत करने वाला युवक उसका पड़ोसी है। उसने उससे दुष्कर्म किया। इस पशुवत कृत्य की शिकार बच्ची की हालत गंभीर हो गई। बच्ची को बहला-फुसलाकर गांव के ही 22 साल के एक युवक ने घिनौनी वारदात की। हैवानियत की शिकार बनाई गई बच्ची ने दुनिया को समझना अभी शुरू ही किया था कि उसका यह घृणित स्वरूप उसे देखने को मिला।
आलमबाग वाली घृणित घटना की जैसे पुनरावृत्ति हो गई। आरोपित पर केस हो गया है तो वह पकड़ा भी जाएगा, पर सवाल यह भी है कि ऐसी घटनाएं कब रुक पाएंगी। फूल से बच्चों के साथ ऐसा दुष्कृत्य शर्मनाक ही नहीं दंडनीय और सोचनीय भी है।
कुंडा में तीन महीने पहले साढ़े तीन साल की दो बच्चियों को बैड टच करने की घटनाएं डिजिटल होते समाज को कठघरे में खड़ा करती हैं। एक में तो स्कूल वैन के चालक ने वैन में बच्ची से दुष्कर्म का प्रयास किया, इससे बच्ची इतनी डर गई कि कई दिन सहमी रही। घर में दुबकी रही। सीसीटीवी फुटेज से पहचान होने पर पुलिस ने आरोपित ही नहीं स्कूल संचालक को भी जेल भेजा। दूसरे में घर में आए मिस्त्री ने बच्ची को हवस का शिकार बनाना चाहा। उस पर भी कार्रवाई हुई। इस तरह की घटनाएं किशोर भी कर रहे हैं।
पुलिस कस रही शिकंजा
दुष्कर्म व छेड़छाड़ के केस में जिले की पुलिस त्वरित एक्शन ले रही है। एसपी डा. अनिल कुमार कहते हैं कि स्कूल संचालकों को कहा गया है कि वह अपने स्टाफ की गतिविधियों पर नजर रखें। दुष्चरित्र, अपराधी, नशेड़ी किस्म के लोगों को स्टाप में न रखें। घटना होने पर आरोपित ही नहीं स्कूल वाले भी जेल की सलाखों के पीछे भेजे जाएंगे।
क्या कहते हैं मनोविज्ञानी
मनोविज्ञानी डा. राम किशोर मिश्र कहते हैं कि हर हाथ में मोबाइल है। इंटरनेट मीडिया पर गंदे वीडियो देखकर भी सोच बिगड़ रही है। किशोर व युवा यौन अपराध के दलदल में फंस रहे हैं। इसी वजह से भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं। बच्चों की सुरक्षा पर परिवार के लोग सतर्कता बरतें। आसपास के गंद लोगों को पहचानें। किशाेर-किशोरियों की काउंसिलिंग करें।
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