वन्य जीवों की रक्षा के लिए वन विभाग ने जारी किए नंबर
जनपद में कहीं तेंदुआ निकलता है तो कहीं लकड़बग्घा। गंगा में घड़ियाल व डाल्फिन तक नजर आती है। कई बार लोग जाने-अनजाने उनको मार डालते हैं। अब ऐसी घटनाओं को वन विभाग सख्ती से रोकेगा। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर जार किए गए हैं। डीएफओ वरुण सिंह ने बताया कि हर वन क्षेत्राधिकारी के माध्यम से यह सूचना लोगों तक पहुंचाई जा रही है कि वह वन्य व जलीय जीवों को क्षति न पहुंचाएं।

जासं, प्रतापगढ़ : जनपद में कहीं तेंदुआ निकलता है तो कहीं लकड़बग्घा। गंगा में घड़ियाल व डाल्फिन तक नजर आती है। कई बार लोग जाने-अनजाने उनको मार डालते हैं। अब ऐसी घटनाओं को वन विभाग सख्ती से रोकेगा। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर जार किए गए हैं। डीएफओ वरुण सिंह ने बताया कि हर वन क्षेत्राधिकारी के माध्यम से यह सूचना लोगों तक पहुंचाई जा रही है कि वह वन्य व जलीय जीवों को क्षति न पहुंचाएं। प्राय: जनपद में वन्य जीवों से संबंधित घटना प्रकाश में आती हैं। ऐसे में यदि किसी भी प्रकार के वन्य जीव घर या गांव के आस-पास ग्रामीण क्षेत्रों एवं जंगल में देखे जाते हैं तो उसकी सूचना जारी किए गए मोबाइल नंबरों पर दें। यह नंबर यूं हैं। प्रभागीय निदेशक वन 7839435176, क्षेत्रीय वनाधिकारी सदर, रानीगंज व पट्टी 9450841266, क्षेत्रीय वनाधिकारी संडवा चंद्रिका 8005243200 तथा वनाधिकारी कुंडा 9936833957 हैं। इसके अलावा क्षेत्रीय वनाधिकारी लालगंज को 9129711717 पर बता सकते हैं उन्होंने बताया कि वन्य जीवों को नुकसान पहुंचाने पर संबंधित के खिलाफ विभाग मुकदमा दर्ज कराएगा।
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सरकार ने पूछा, कैसे मारी गई डाल्फिन
एक पखवारे पहले कुंडा क्षेत्र में नहर में हुई डाल्फिन मछली की हत्या के मामले में राज्य सरकार ने रिपोर्ट मांगी है। सरकार ने पूछा है कि उसको कैसे मार दिया गया। संरक्षित वन्य जीव की हत्या पर सरकार सख्त है। वन विभाग के आला अफसरों ने संबंधित वीडियो, फोटो, पेपर कटिंग व की गई कार्रवाई का विवरण तलब किया है। डाल्फिन मामले का संज्ञान केंद्र सरकार के पर्यावरण व वन मंत्रालय ने भी लिया है। इस मामले में डीएफओ वरुण सिंह का कहना है कि तीन आरोपितों की पहचान करके पकड़ा गया है। बाकी के लोग जो वीडियो में दिख रहे हैं उनकी पहचान की जा रही है। वह घर छोड़कर भाग गए हैं। पुलिस की मदद से उनको तलाशा जा रहा है।
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