Cyber Crime : कम पढ़े-लिखे साइबर अपराधी लोगों से कर रहे ठगी, साइबर अपराध के खतरों से बचने को अपडेट जानकारी आवश्यक
प्रतापगढ़ में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है, जिसमें कम पढ़े-लिखे लोग भी ठगी कर रहे हैं। एमडीपीजी कॉलेज में पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर ने छात्रों को जागरूक किया और नए कानूनों की जानकारी दी। उन्होंने साइबर अपराध नियंत्रण, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा जैसे विषयों पर बात की। प्राचार्य शैलेंद्र मिश्र ने छात्रों को सतर्क रहने और सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।

एमडीपीजी कालेज में कार्यशाला में मौजूद पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर, प्राचार्य समेत प्राध्यापकगण : जागरण
जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़। वर्तमान समय में साइबर अपराध एक बड़ी चुनौती बन गई है। साइबर अपराधियों के चंगुल से नित नए लोग ठगे जा रहे हैं। इसके बारे में अगर अपडेट जानकारी रखेंगे, अपना ज्ञान बढ़ाते रहेंगे और सतर्क रहेंगे तो ही बच पाएंगे। कम पढ़े-लिखे साइबर अपराधी पढ़े-लिखों को गच्चा दे दे रहे हैं।
एमडीपीजी कालेज में जागरूकता अभियान कार्यशाला
एमडीपीजी कालेज में छात्र-छात्राओं के बीच जागरूकता की यह बातें पुलिस अधीक्षक (एसपी) दीपक भूकर ने शुक्रवार को कही। उन्होंने एनसीएल जागरूकता अभियान कार्यशाला में बच्चों से सीधा संवाद किया। नवीन आपराधिक कानूनों के बारे में बताया। जनसामान्य को नवीन आपराधिक कानूनों की प्रमुख धाराओं एवं उनके सामाजिक महत्व के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।
एसपी ने छात्र-छात्राओं को दी जरूरी जानकारी
एसपी बताया कि नए कानूनों के अंतर्गत महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा, साइबर अपराध नियंत्रण, जीरो एफआइआर, ई-एफआइआर, घरेलू हिंसा और जन-सुरक्षा से संबंधित धाराओं को और अधिक सशक्त बनाया गया है। किसी भी अपराध की सूचना किसी भी थाने में जीरो एफआइआर के रूप में दर्ज कराई जा सकती है तथा आनलाइन रिपोर्ट दर्ज करने की सुविधा भी उपलब्ध है। नागरिकों को भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम के प्रमुख प्रविधानों से परिचित कराया जा रहा है। इस अवसर पर सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती भी मनाई गई।
कालेज के प्राचार्य ने भी किया प्रेरित
प्राचार्य प्रो. शैलेंद्र मिश्र ने बच्चों को सतर्क रहने व अपनी मेहनत से सफलता का शिखर छूने को प्रेरित किया। संचालन डा संजय दुबे ने किया। कार्यक्रम में प्रो. आरके दुबे, डा. प्रथमेश पांडेय, डा. रेखा मिश्रा, डा. अरुण कुमार मिश्र, प्रो. राजेंद्र मिश्र आदि ने भी विचार रखे।

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