बराक ओबामा की टिप्पणी पर कोर्ट में हुई सुनवाई
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा अपनी पुस्तक ए प्रामिस्ड लैंड में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा राहुल गांधी पर टिप्पणी को लेकर स्थानीय सिविल न्यायालय में दाखिल परिवाद पर सोमवार को सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ऑल इंडिया रूरल बार एसोशिएसन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानप्रकाश शुक्ल की ओर से दाखिल प्रत्यावेदन में कोर्ट से बराक ओबामा को नई दिल्ली स्थित यूएस दूतावास के जरिये नोटिस सम्मन तामील कराए जाने की मांग उठाई गई।

संसू, लालगंज : पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा अपनी पुस्तक ए प्रामिस्ड लैंड में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा राहुल गांधी पर टिप्पणी को लेकर स्थानीय सिविल न्यायालय में दाखिल परिवाद पर सोमवार को सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ऑल इंडिया रूरल बार एसोशिएसन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानप्रकाश शुक्ल की ओर से दाखिल प्रत्यावेदन में कोर्ट से बराक ओबामा को नई दिल्ली स्थित यूएस दूतावास के जरिये नोटिस सम्मन तामील कराए जाने की मांग उठाई गई। सुनवाई करते हुए सिविल जज विनीत यादव ने परिवाद की पोषणीयता के विचारणीय बिदुओं के तहत नोटिस सम्मन के भी क्षेत्राधिकार को देखने को कहा है। कोर्ट ने प्रत्यावेदन पर अगली सुनवाई के लिए 23 दिसंबर की तिथि मुकर्रर की है। गौरतलब है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा अपनी पुस्तक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को अपरिपक्व छात्र तथा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के चयन को लेकर सोनिया गांधी के निर्णय पर टिप्पणी अंकित की गई है। इसे लेकर रूरल बार एसोशिएसन के अध्यक्ष ज्ञानप्रकाश शुक्ल ने इसे विदेशी राजनेता द्वारा भारतीय गणतंत्र के आंतरिक मामले में आपत्तिजनक दखलंदाजी करार देते हुए सिविल कोर्ट में परिवाद दाखिल किया है। परिवाद में ज्ञानप्रकाश शुक्ल ने ओबामा की टिप्पणी को भारत के आंतरिक शांति को प्रभावित करने का आपराधिक षडयंत्र करार देते हुए कोर्ट से पुलिस को एफआईआर दर्ज कराए जाने के निर्देश दिये जाने की फरियाद की है। कोर्ट में याची की ओर से अधिवक्ता रमेश पांडेय व अनिल महेश तथा शहजाद अंसारी ने संयुक्त रूप से प्रत्यावेदन पर बहस कर पक्ष रखा।
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