बिजली कनेक्शन के लिए उपभोक्ताओं को अब नहीं लगाने होंगे चक्कर, ऑनलाइन आवेदन के बाद होगा सत्यापन; लापरवाही पर विभाग सख्त
Bijli Connection बिजली विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले भर में एक माह के भीतर 78 मिलियन यूनिट बिजली की खपत होती है। करोड़ों रुपये का बिजली का बिल आता है। हालांकि 70 से 80 प्रतिशत बिजली का बिल जमा हो जाता है। आबादी बढ़ने से नए कनेक्शन भी रोजाना हो रहे हैं। कनेक्शन लेने में उपभोक्ताओं का पसीना छूट जा रहा है।

संवाद सूत्र, प्रतापगढ़। Bijli Connection: विद्युत कनेक्शन के लिए अब उपभोक्ताओं को चक्कर नहीं लगाने होंगे। कनेक्शन के आनलाइन आवेदन होने के बाद उसका सत्यापन होगा। कोरम पूरा होने के बाद समय सीमा के भीतर कनेक्शन चालू हो जाएगा। अगर इसमें किसी तरह की लापरवाही बरती गई तो दोषी अधिकारियों को निलंबित किया जा सकता है। विभाग इसको लेकर सख्त हो गया है।
जनपद में 67 उपकेंद्र हैं। यह उपकेंद्र सदर, रानीगंज, पट्टी, कुंडा व लालगंज तहसीलों के अंतर्गत आते हैं। यहां कुल पांच लाख 46 हजार विद्युत उपभोक्ता हैं।
आबादी बढ़ने से रोजाना हो रहे नए कनेक्शन
बिजली विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले भर में एक माह के भीतर 78 मिलियन यूनिट बिजली की खपत होती है। करोड़ों रुपये का बिजली का बिल आता है। हालांकि 70 से 80 प्रतिशत बिजली का बिल जमा हो जाता है। आबादी बढ़ने से नए कनेक्शन भी रोजाना हो रहे हैं। कनेक्शन लेने में उपभोक्ताओं का पसीना छूट जा रहा है।
झटपट पोर्टल पर आवेदक घरेलू एवं कामर्शियल आदि के कनेक्शन के लिए आनलाइन आवेदन करते हैं। अक्सर देखने को मिलता है कि कनेक्शन के लिए उन्हें बिजली कार्यालयों का चक्का लगाना पड़ता है। यहां तक कि उनसे सुविधा शुल्क की मांग की जाती है। बिना इसके कनेक्शन जारी नहीं होता।
कनेक्शन देने में लापरवाही बरतने पर किया जाएगा निलंबित
आए दिन शिकायत अधिकारियों तक पहुंचती है। इसे लेकर बिजली विभाग के मुख्य अभियंता सख्त हो गए हैं। कोई ठोस वजह के कारण ही जेई व अन्य अधिकारी नया कनेक्शन नहीं जारी कर पाएंगे। अगर कोरम पूरा है तो उन्हें अविलंब कनेक्शन जारी करना होगा। छिटपुट कमी होने पर उसे पूर्ण भी कराने की जिम्मेदारी इन सभी अधिकारियों की है। कनेक्शन देने में लापरवाही बरतने पर निलंबित किया जाएगा।
मुख्य अभियंता विद्युत प्रयागराज विश्वदीप अंबरदार ने बताया कि झटपट पोर्टल पर आवेदन करने के बाद समय सीमा के भीतर कनेक्शन देने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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