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    प्रतापगढ़ में अवैध पटाखा बरामदगी मामले में मां व तीन बेटों के खिलाफ मुकदमा, पुलिस ने प्रबंधक का नाम हटाया

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 05:04 PM (IST)

    प्रतापगढ़ के पट्टी में एक बंद कॉलेज में अवैध पटाखा फैक्ट्री का खुलासा हुआ। पुलिस ने भारी मात्रा में बारूद और पटाखे जब्त किए जिनकी अनुमानित कीमत 47 लाख रुपये है। लाइसेंसधारी महिला मदीना और उसके दो बेटों को गिरफ्तार किया गया है जबकि एक अन्य बेटा फरार है। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है जिसमें बारूद की आपूर्ति और अन्य मजदूरों की भूमिका शामिल है।

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    प्रतापगढ़ में अवैध पटाखा फैक्ट्री भंडाफोड़ मामले में कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

    संसू, जागरण, पट्टी (प्रतापगढ़)। सपहाछात में बंद पड़े महाविद्यालय में अवैध बारूद विस्फोटक पदार्थ व अवैध तरीके से पटाखोें का निर्माण किया जा रहा था। पुलिस ने काफी मात्रा में पटाखा व बारूद बरामद किया था। इस मामले में पुलिस ने लाइसेंसधारी महिला व उसके तीन बेटों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

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    उपनिरीक्षक सचिन यादव की तहरीर पर मदीना, सलमान सिद्दीकी व सैफ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। एक बेटे की तलाश जारी है। पुलिस ने हिरासत में लिए गए महाविद्यालय के प्रबंधक से पूछताछ के बाद उनका नाम मामले से हटाया दिया। पुलिस अब अन्य बिंदुओं की जांच कर रही है।

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    सपहाछात गांव में बंद पड़े कालेज में हुई थी छापेमारी

    पट्टी-आमापुर मार्ग पर सपहाछात गांव में स्थित बंद पड़े सुखराज सिंह महिला महाविद्यालय के एक कमरे में तहसील प्रशासन व देवसरा पुलिस ने सोमवार को अवैध पटाखों के साथ बारूद पकड़ा था। पुलिस ने बरामद पटाखों की कीमत 47 लाख रुपये बताई थी।

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    इनकी हुई थी गिरफ्तारी

    सभी पटाखा व बारूद को पानी डालकर निष्क्रिय करते हुए मौके से लाइसेंसधारी महिला मदीना पत्नी जुम्मन अली, सलमान सिद्दीकी और सैफ को गिरफ्तार किया था। हाफिज फिरोज मौका पाकर वहां से फरार हो गया था। घटनाक के बाद महाविद्यालय के प्रबंधक आद्या प्रसाद सिंह को भी हिरासत में लिया था।

    क्या कहते हैं सीओ

    सीओ मनोज सिंह रघुवंशी ने बताया कि मदीना के नाम से लाइसेंस है, जो वर्ष 2026 तक वैध है। स्थान बदलकर मदीना व उसके पुत्रों द्वारा दीपावली को देखते हुए पटाखा व बारूद का भंडारण किया जा रहा था, जिसे नष्ट कराकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अन्य बिंदुओं पर भी जांच चल रही है।

    दीपावली को लेकर एकत्र किया गया था पटाखों का जखीरा

    दीपावली के अवसर पर पटाखों की बिक्री अधिक होती है। मदीना व उसके पुत्रों द्वारा पटाखे की थोक सप्लाई भी की जाती थी। ब्रांडेड पटाखे की कीमत स्थानीय स्तर पर निर्मित पटाखे की कीमत से काफी कम होती हैं। इसलिए इन लोगों द्वारा जनपद के विभिन्न बाजारों के साथ ही जनपद सीमा से सटे जनपद जौनपुर, अकबरपुर, सुलतानपुर सहित अन्य जनपद के छोटे-छोटे बाजारों में बेचा जाता था। पटाखा निर्माण के लिए बारूद मऊआइमा से लाया जाता था।

    आधा दर्जन मजदूरों को पुलिस कर रही है चिह्नित

    बंद पड़े महाविद्यालय में कुछ अर्ध निर्मित पटाखा व सुतली बम, मिर्ची बम, राकेट जैसे पटाखे मिले हैं। कच्चा बारूद भी मिला। इनको निर्मित करने के लिए मदीना के बेटों के साथ कुछ मजदूर भी काम करते थे। पुलिस के अनुसार इनकी संख्या आधा दर्जन रही होगी, जिन्हें चिह्नित किया जा रहा है।

    विस्फोट होने पर जा सकती थी कई की जान

    महाविद्यालय गांव के एकदम किनारे पर स्थित है। ऐसे में उसके आसपास बस्ती नहीं है। इस तरह डंप किए गए पटाखे में अगर विस्फोट होता तो आसपास तो कोई नुकसान न होता लेकिन महाविद्यालय के अंदर काम करने वाले मजदूर व पटाखा स्वामी के परिवार के लोगो की जान जा सकती थी।

    प्रबंधक को पटाखा रखने की नहीं थी जानकारी

    बंद महाविद्यालय को एक वर्ष पूर्व मदीना द्वारा रहने के लिए लिया गया था, जिसका किराया चार हजार रुपए था। प्रबंधक आद्या प्रसाद सिंह का कहना है कि उनके पैर में तकलीफ थी। ऐसे में भी कभी यहां देखने नहीं आए। इससे पटाखा डंप होने की जानकारी उन्हें नहीं मिल सकी।