बाईपास का 308 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट तैयार, मंजूरी का इंतजार
अरसे के इंतजार के बाद बाईपास के निर्माण के लिए 308 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट तैयार हो गया जिसे चार दिन पहले एनएच लखनऊ को भेज दिया गया। अब प्रोजेक्ट की मंजूरी मिलने का इंतजार है।

संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : अरसे के इंतजार के बाद बाईपास के निर्माण के लिए 308 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट तैयार हो गया, जिसे चार दिन पहले एनएच लखनऊ को भेज दिया गया। अब प्रोजेक्ट की मंजूरी मिलने का इंतजार है।
जिले का प्रमुख हाईवे प्रयागराज-अयोध्या बीच शहर से होकर गुजरा है। यह हाईवे दो धार्मिक नगरी संगम और अयोध्या को जोड़ता है। इसी हाईवे से गोरखपुर, श्रावस्ती, बस्ती, गोंडा, बहराइच, अयोध्या, आंबेडकरनगर, सुल्तानपुर, अमेठी सहित कई जिलों के लोग गुजरते हैं। इससे खासतौर पर दिन में इस हाईवे पर दिन भर वाहनों का आवागमन अधिक रहता है। वाहनों का दबाव होने से दिन में शहर में जाम लगता रहता है। यही नहीं ट्रकों के आवागमन से आए दिन बीच शहर में हादसे भी होते रहते हैं।
शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए अरसे से जनप्रतिनिधियों से पब्लिक बाईपास को स्वीकृत कराने की मांग करती आ रही थी। बाईपास का प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए एनएच ने वर्ष 2013 में कास्टा इंजीनियरिग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड को पत्र लिखा था। फिर सोनावा, गोड़े, पूरे केशवराय, सिटी कस्बा होते हुए भुआलपुर किला गांव के पास रायबरेली-जौनपुर हाईवे तक बाईपास का रूट तय किया गया। 12 गांवों के किसानों को मुआवजा मिल गया, सिर्फ पांच गांव के किसानों को मुआवजा मिलना बाकी है।
बाईपास की लंबाई 14.220 किमी है। लंबी कवायद के बाद अब बाईपास का 308 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। इस प्रोजेक्ट को सुल्तानपुर एनएच के एक्सईएन ने नौ मार्च 2021 को एनएच के लखनऊ स्थित मुख्यालय पर भेज दिया। 14.22 किमी लंबे बाइपास में गोड़े गांव के पास लखनऊ-वाराणसी रेल मार्ग व अयोध्या प्रयागराज रेलमार्ग पर दो ओवरब्रिज बनेगा। इसके अलावा चमरौधा नदी और सई नदी पर दो बड़ा पुल बनेगा। चिलबिला-अमेठी मार्ग, गायघाट-संडवा चंद्रिका मार्ग और प्रतापगढ़-सुखपालनगर मार्ग पर सिटी कस्बे में अंडरपास बनेगा। यहीं, गांव में जो भी लिक मार्ग पड़ रहे हैं, वहां भी अंडरपास बनेगा। यह बाईपास ट्रामा सेंटर के पूरब से होकर गुजरेगा। यह बाईपास दो लेन यानी 10 मीटर का बनेगा। हालांकि जमीन का अधिग्रहण छह लेन यानी 60 मीटर का किया गया है, जिससे आने वाले समय में बाईपास को चौड़ा करने में जमीन की कमी नहीं पड़ने पाए।
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--बाईपास का 308 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। इस प्रोजेक्ट को नौ मार्च को एनएच के लखनऊ स्थित मुख्यालय को भेज दिया गया। अब प्रोजेक्ट की मंजूरी का इंतजार है। इसी महीने में प्रोजेक्ट मंजूर होने की उम्मीद है-
एके मिश्रा, सहायक अभियंता, एनएच सुल्तानपुर
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12 गांवों के किसानों को मिला 53.32 करोड़ रुपये
बाईपास के लिए अधिग्रहीत की गई जमीन के एवज में सोनावां, गोड़े, घोरहा, लोहंगपुर, सराय वीरभद्र, पूरे केशवराय, गायघाट, जहरगो, करौदी, गड़ई चकदेइया, सराय कल्याणदेव और ईसीपुर के किसानों को 58.34 करोड़ रुपये मुआवजा वितरित किया जाना था। अब तक 53.32 करोड़ रुपये मुआवजा बांट दिया गया है। इन गांवों के किसानों को 5.02 करोड़ रुपये अभी दिया जाना है। इसके अलावा प्रतापगढ़ सिटी, बैजलपुर, पूरे मुस्तफा, रामगढ़ीव पूरै माधव सिंह के किसानों को 26.59 करोड़ रुपये मुआवजा अभी नहीं मिला है। इन किसानों के गाटा का विवरण अभी तक एनआईसी के पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पाया है। इस तरह 17 गांवों के किसानों को कुल 84.93 करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाना था।
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जाम से मिलेगी निजात
बाईपास बन जाने से शहर में लगने वाले जाम से निजात मिल जाएगा। इसके अलावा गंतव्य तक सामान पहुंचाने में नो इंट्री के कारण जहां 12 घंटे और समय लग रहा था, उस समय की बचत हो जाएगी। दिन में 12 घंटे लागू नो इंट्री से ट्रकों को शहर के बाहर रोक दिया जाता है। ट्रकों के बाहर से निकल जाने से शहर में हादसों पर अंकुश लग जाएगा।
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