प्रतापगढ़ में पुल की रेलिंग से टकराकर बाइक सवार युवक की मौत, दो दोस्त घायल
प्रतापगढ़ में एक दर्दनाक हादसे में पुल की रेलिंग से टकराने के कारण एक बाइक सवार युवक की जान चली गई, जबकि उसके दो साथी घायल हो गए। दुर्घटना के बाद स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया, जहाँ डॉक्टरों ने एक को मृत घोषित कर दिया।

पुल की रेलिंग से टकराकर अपाचे सवार युवक की मौत।
संवाद सूत्र, संग्रामगढ़। रायबरेली सलवन में बरात में शामिल होकर साथियों के साथ अपाचे से घर लौट रहा युवक चंदू की बाग के पास अर्रो पुल की रेलिंग से टकरा गया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई, जबकि साथ बैठे उसके दोनों साथी घायल हो गए। रास्ते से गुजर रहे राहगीरों ने उन्हें सीएचसी संग्रामगढ़ में भर्ती कराया।
यहां चिकित्सक ने घायलों को राजा प्रताप बहादुर अस्पताल रेफर कर दिया। घटना सोमवार रात करीब 12 बजे हुई। पुलिस ने युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इधर, घटना से स्वजन में चीख- पुकार मची है।
हथिगवां के जैसावा गांव निवासी 28 वर्षीय कमलेश सरोज पुत्र मल्हू सरोज सोमवार को गांव के ही अपने दोस्त 25 वर्षीय अजय सरोज पुत्र फूलचंद सरोज और कमलेश सरोज पुत्र पहलादी सरोज के साथ अपाचे से सलवन रायबरेली एक शादी समारोह में शामिल होने गया था।
रात में करीब 12 बजे वहां से लौट रहे थे। रास्ते में वह संग्रामगढ़ के चंदू की बाग अर्रो पुल के पास पहुंचे थे कि उनकी अपाचे बाइक अनियंत्रित होकर पुल की रेलिंग से टकरा गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कमलेश सरोज पुत्र मल्हू सरोज मौके पर ही मौत हो गई।
वहीं, अजय सरोज और कमलेश सरोज पुत्र पहलादी सरोज गंभीर रूप से घायल हो गए। रास्ते से गुजर रहे राहगीरों ने उन्हें सीएचसी संग्रामगढ़ ले गए। यहां चिकित्सक ने अजय व कमलेश को राजा प्रताप बहादुर अस्पताल रेफर कर दिया।
इधर, सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटना की जानकारी स्वजन को दी। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। संग्रामगढ़ एसओ मनोज कुमार तोमर ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, घटना की जांच की जा रही है।
बेंगलुरु में करता था प्राइवेट नौकरी
मृतक कमलेश की अभी शादी नहीं हुई थी। वह बेंगलुरु में प्राइवेट नौकरी था। पखवारे भर पहले गांव आया था। चार भाइयों में वह तीसरे नंबर पर था। बड़े भाई मुकेश, मुन्ना, हरिकेश, बहन रानी, मां कलावती सहित स्वजन रो-रोकर बेहाल हैं।
सभी लोग यही कह कर रो रहे थे कि यदि वह शादी में शामिल होने के लिए गांव नहीं आया होता तो शायद वह जिंदा होता। घर वालों को क्या पता था कि वह बारात में जाने के लिए घर से तो निकला है, मगर अब उसकी लाश ही वापस आएगी।

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