Atiq Ashraf Murder Case: अतीक-अशरफ हत्याकांड के तीनों शूटरों की बढ़ी निगरानी, क्यों चौकन्ना हुआ जेल प्रशासन?
प्रयागराज के काल्विन अस्पताल परिसर में 15 अप्रैल को दोहरे हत्याकांड के बाद मौके पर तीनों शूटर पकड़े गए थे। पहले उनको केंद्रीय कारागार नैनी में रखा गया। फिर वहां उनको असुरक्षित माना गया क्योंकि उस जेल में अतीक के कई गुर्गे बंद थे। ऐसे में गैंगवार हो सकता था। इसको देखते हुए शूटरों को कुछ ही दिन बाद प्रतापगढ़ जेल शिफ्ट कर दिया गया।

प्रतापगढ़, जागरण संवाददाता। माफिया ब्रदर्स अतीक अहमद और अशरफ की गोली मारकर हत्या करने के आरोपित शूटरों की सुरक्षा व निगरानी बढ़ा दी गई है। शूटर लवलेश तिवारी, अरुण मौर्य व सनी सिंह पर आरोप तय होने की तिथि कोर्ट द्वारा तय किए जाने के बाद जेल प्रशासन और चौकन्ना हो गया है। बंदी रक्षकों की तीन शिफ्ट में 24 घंटे तैनाती हुई है। अन्य बंदियों से मिलने वालों की तलाशी का फेरा बढ़ गया है।
अतीक अशरफ की हत्या के बाद मौके से पकड़े गए थे शूटर
प्रयागराज के काल्विन अस्पताल परिसर में 15 अप्रैल को दोहरे हत्याकांड के बाद मौके पर तीनों शूटर पकड़े गए थे। पहले उनको केंद्रीय कारागार नैनी में रखा गया। फिर वहां उनको असुरक्षित माना गया, क्योंकि उस जेल में अतीक के कई गुर्गे बंद थे। ऐसे में गैंगवार हो सकता था। इसको देखते हुए शूटरों को कुछ ही दिन बाद प्रतापगढ़ जेल शिफ्ट कर दिया गया। जिला स्तर के इस कारागार में इतने कुख्यात अपराधियों को रखे जाने से जेल प्रशासन को पसीना आ गया।
अल-कायदा की धमकी के बाद प्रशासन सतर्क
इस बीच आतंकी संगठन अल-कायदा ने अतीक हत्याकांड का बदला लेने की धमकी दी तो प्रतापगढ़ प्रशासन भी सतर्क हो गया। इसके बाद उनको तनहाई बैरक में रखा गया। दो बार बैरक को बदला भी गया। यही नहीं जेल का कभी न बंद होने वाला परिसर का बाहरी गेट भी बंद किया जाने लगा। जेल में दर्जनभर सीसीटीवी कैमरे और लगा दिए गए। यह भी सुनने में आया कि शुरुआत में शूटरों ने बैरक के बाहर लगे एक कैमरे को थाली से तोड़ दिया था। बाद में नए कैमरे दूर लगाए गए। शूटर किसी से मिलने की इच्छा नहीं जता रहे हैं। अब तक उनसे किसी स्वजन की मुलाकात की पुष्टि भी नहीं है।
हाई अलर्ट का है मामला
जेल प्रशासन ऐसी कोई जानकारी देने ही नहीं, इस सवाल पर कुछ बोलने तक से बच रहा है। मामला हाई अलर्ट का है। शासन सीधी मॉनीटरिंग कर रहा है। यही वजह है कि लगातार वीसी से ही उनकी पेशी कराई जा रही है। उनको प्रयागराज ले जाने तक का रिस्क सुरक्षा एजेंसियां नहीं लेना चाह रही हैं। केवल एसआईटी उनको पूछताछ के लिए ले गई थी। एसटीएफ की भी निगरानी है।
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