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    मुकदमे लंबित मिलने पर तहसीलदार, पेशकार को प्रतिकूल प्रविष्टि

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 20 Jun 2017 10:42 PM (IST)

    पट्टी, प्रतापगढ़ : तहसील दिवस में मंगलवार को मंडलायुक्त इलाहाबाद आशीष गोयल भी पहुंचे। तहसील के सभागा

    मुकदमे लंबित मिलने पर तहसीलदार, पेशकार को प्रतिकूल प्रविष्टि

    पट्टी, प्रतापगढ़ : तहसील दिवस में मंगलवार को मंडलायुक्त इलाहाबाद आशीष गोयल भी पहुंचे। तहसील के सभागार में उन्होंने डीएम के साथ समस्याएं सुनीं। बाद में तहसील का निरीक्षण करने के दौरान कमियां पाने पर तहसीलदार समेत दो को बैड इंट्री दे दी।

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    डीएम शरद कुमार ¨सह व एसपी शगुन गौतम दस बजे से फरियादियों की समस्याएं सुन रहे थे। लगभग एक बजे दोपहर कमिश्नर वहां आए गए। उन्होंने शिकायती प्रार्थना पत्रों के निस्तारण की प्रगति की जानकारी के साथ निस्तारित प्रार्थना पत्रों का अवलोकन किया। इसमें तमाम विसंगतियां नजर आई। इसे देखकर कमिश्नर का माथा गरम हो गया और इसके लिए उन्होंने एसडीएम जेपी मिश्रा को गुणवत्तापूर्ण निस्तारण का निर्देश देते हुए निस्तारित प्रार्थना पत्रों का ठीक से परीक्षण कर पुन: बेहतर निस्तारण का निर्देश देते हुए कड़ी फटकार लगाई।

    इस दौरान 241 शिकायतें आईं। इनमें 12 शिकायतों का मौके पर निस्तारण हो गया। प्राप्त शिकायतों में सबसे अधिक शिकायतें जमीन पर कब्जे को लेकर रहीं। सपहाछात के रामअजोर, रानीपुर के रामबरन, इटवा के विजय कुमार, बैजलपुर के जितेंद्र कुमार खरवार, मरहा के विजय प्रताप ¨सह, नर¨सहपुर के भोलानाथ, महारौड़ा के राजदेव सहित अन्य ने सरकारी जमीन के साथ भूमिधरी जमीन पर कब्जे की शिकायत की। सबसे अधिक शिकायतें राजस्व विभाग की 85 रहीं। दूसरे पायदान पर पुलिस विभाग की 63 रहीं। इस मौके पर एसडीएम जेपी मिश्रा, तहसीलदार संतोष कुमार सोनकर, नायब तहसीलदार राजकुमार चौधरी, परियोजना निदेशक अर¨वद ¨सह, जिला विकास अधिकारी राजेंद्र कुमार वर्मा, नगर पंचायत के जगदंबा ¨सह, कानूनगो बाबूलाल श्रीवास्तव, मनोज कुमार मौजूद रहे।

    इसके बाद कमिश्नर आशीष गोयल ने तहसील कार्यालय के साथ पट्टी कोतवाली का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान तहसील परिसर के साथ कार्यालयों में जगह-जगह फैली गंदगी व गर्द को देख बिफर उठे। तहसीलदार संतोष कुमार सोनकर से पूछा कि कमिश्नर के निरीक्षण के दौरान साफ सफाई का इंतजाम क्यों नहीं किया गया। इस पर तहसीलदार कोई जवाब नहीं दे पाए। कमिश्नर ने सबसे पहले कंप्यूटर खतौनी कक्ष का निरीक्षण किया। यहां पर लिखे समय प्रार्थना पत्र देने का समय 10 से 12 बजे व खतौनी मिलने का समय 2 से 3 बजे को देखकर हैरान हो गए। कमिश्नर ने एसडीएम से पूछा की खतौनी के लिए क्या लोगों को पूरे दिन खराब करना पड़ेगा। उन्होंने एसडीएम को 15 मिनट में लोगों को खतौनी देने के सख्त निर्देश दिए। तहसीलदार कोर्ट में मुकदमों की लंबित फाइलों को देख कमिश्नर का माथा चढ़ गया। उन्होंने मुकदमें के निस्तारण में ढिलाई एवं फाइलों के रख-रखाव में लापरवाही के चलते तहसीलदार संतोष कुमार सोनकर को प्रतिकूल प्रविष्टि के साथ तहसीलदार के पेशकार ब्रह्मानंद ओझा को भी प्रतिकूल प्रविष्टि दी।