मेरी नाव में लक्ष्मण-राम, गंगा मैया धीरे बहो....
क्षेत्र के तिवारी का पुरवा में चल रहे श्रीराम कथा में झांकी का दृश्य सौ. जागरण

मेरी नाव में लक्ष्मण-राम, गंगा मैया धीरे बहो....
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संसू, अजगरा : क्षेत्र के तिवारी का पुरवा में श्रीराम कथा में कथा आचार्य राहुल कृष्ण ने भक्तों काे मर्यादा पुरुषोत्तम राम के वन गमन की कथा मार्मिक ढंग से सुनाई। उन्हाेंने कहा कि राम के राजतिलक की तैयारी चल ही रही थी। इधर दासी मंथरा के कान भरने से रानी कैकेई काेप भवन में चली गई। बाद में कैकेई ने राम को 14 वर्ष का वनवास मांग लिया। मर्यादा पुरुषोत्तम राम पिता की आज्ञा पाकर सीता व लक्ष्मण संग वनवास को चल दिए। गंगा पार कराने को केवट तैयार न था। जब प्रभु ने पांव धुलवा लिए तो उसने नाव पर चढ़ाया। गमन होकर गाने लगा...मेरी नाव में लक्ष्मण राम, गंगा मैया धीरे बहो...। आयोजक संजय शुक्ल ने आभार जताया। इस माैके पर रामाश्रय शुक्ल, अशाेक शुक्ल, राजाराम यादव प्रकाश चंद्र शुक्ल, कामेश्वर पांडेय, नीरज तिवारी, अजय शुक्ल आदि रहे।
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जीवन के लिए प्रेरणा हैं प्रभु
संसू, सगरासुंदरपुर : स्थानीय बाजार में चल रही श्रीराम कथा में आचार्य अरविंद ने कहा कि राम सद्गुणों के भंडार हैं। भगवान राम के आदर्शों को जीवन में अपना कर मनुष्य प्रत्येक क्षेत्र में सफलता पा सकता है। उनके चेहरे पर न युवराज बनने पर खुशी और न ही वन जाते हुए चेहरे पर कोई उदासी थी। उनके आदर्श जीवन के लिए प्रेरणास्रोत हैं। आयोजक उमेश तिवारी ने स्वागत व संयोजक संजय शुक्ल ने आभार जताया। इस मौके पर राजेंद्र मिश्र ननके, डॉ. हरिश्चंद्र शुक्ल, रामयश त्रिपाठी, उदयराज तिवारी मौजूद रहे।
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