पीलीभीत बस स्टैंड पर जगह न मिलने से परिवहन निगम की इनकम में भारी नुकसान, संविदा ड्राइवर और कंडक्टर पर भी पड़ेगा असर
पीलीभीत डिपो की बसों को बरेली, बदायूं बस अड्डों पर खड़ा न होने देने के कारण परिवहन निगम को आय में नुकसान हो रहा है। दूसरे डिपो के मनमाने रवैये के चलते ...और पढ़ें

रोडवेज बस।
जागरण संवाददाता, पीलीभीत। डिपो की बसों को बरेली, बदायूं बस अड्डों पर बसों को खड़ा न होने देने के कारण परिवहन निगम को आय में चपत लग रही है। दूसरे डिपो के मनमाने रवैये के चलते बसों को स्टैंड के भीतर जगह नहीं मिल पा रही है, इससे यात्रियों को बसों की जानकारी नहीं मिल पाती। इसका सीधा असर डिपो की आय और संविदा कर्मचारियों के पारिश्रमिक पर पड़ रहा है।
103 बसों का होता है संचालन
पीलीभीत डिपो की करीब 103 बसों का संचालन मुख्य रूप से बरेली होकर बदायूं सहित मथुरा, दिल्ली लखनऊ सहित अन्य स्थानों के लिए होता है। यात्रियों की सुविधा के लिए बरेली के सैटेलाइट बस अड्डे पर पीलीभीत डिपो का एक विशेष काउंटर बनाया गया था, इसे कुछ समय पूर्व हटा दिया गया। अब स्थिति यह है कि बसों को स्टैंड के भीतर खड़ा नहीं होने दिया जा रहा।
पुलिस काट देती है चालान
मजबूरी में चालक बसें सड़क किनारे खड़ी करते हैं, जहां पुलिस उनका चालान काट देती है। इस खींचतान के बीच यात्री भटक रहे हैं और डिपो को प्रतिदिन करीब लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। आय कम होने का सबसे बुरा असर संविदा चालक और परिचालकों पर पड़ रहा है। रोडवेज की नीति के अनुसार, इन कर्मचारियों का वेतन बस द्वारा तय की गई दूरी और प्राप्त आय पर निर्भर करता है।
बसों को खड़ा करने के लिए स्थान न मिलने से डिपो की आय निरंतर प्रभावित हो रही है। यात्रियों को भी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए उच्चाधिकारियों से वार्ता की जा रही है ताकि पीलीभीत डिपो की बसों के लिए पुनः स्थान सुनिश्चित किया जा सके। − विपुल पाराशरी, एआरएम, पीलीभीत डिपो

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